सितारगंज : केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के आधिकारिक भाषाओं में पंजाबी को शामिल नहीं किए जाने का विरोध तेज हो गया है। सितारगंज के सिक्ख संगठन उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के सदस्यों ने एसडीएम से मुलाकात करते हुए महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंप भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में पंजाबी बोली का दर्जा समाप्त करने पर रोष व्यक्त किया।
सितारगंज एसडीएम कार्यालय पहुंचे सिक्ख संगठन उत्तरप्रदेश उत्तराखंड के सदस्यों ने एसडीएम मुक्ता मिश्र से मुलाकात की और अपनी मांगों से ससंबन्धित ज्ञापन सौपा, जिसमें उनका कहना है की भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर और राजस्थान में पंजाबी भाषा को औपचारिक भाषा से हटाने का प्रयास कर रही है जिसे किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा। इसको लेकर युवाओं ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया हुआ है व इसके बाद सिख समाज पंजाबी भाषा को हटाए जाने के खिलाफ आक्रोशित होकर राजस्थान व जम्मू कश्मीर सरकार के इस फैसले का विरोध करता है।
सिख समाज के युवाओं ने ऐलान किया कि यदि जम्मू कश्मीर और राजस्थान सरकार जल्दी से जल्दी पंजाबी भाषा को पूर्व की भांति लागू नहीं करती है तो संपूर्ण देश में सिख समाज आंदोलन करेगा