अल्मोड़ा: कोरोना का कहर लगातार जारी है। राज्य में 14 हजार से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। मौत का आंकड़ा भी डरा रहा है। हालांकि लोग तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। कोरोना के डर से कई लोगों की जानें बेवहज भी जा रही हैं। ताजा मामला अल्मोड़ा का है। यहां एक गर्भवती महिला को डाॅक्टर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल दौड़ाते रहे। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण महिला की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार गर्भवती को पहले टाइफाइड हुआ था और सांस लेने की तकलीफ होने पर डॉक्टरों ने महिला का इलाज कराने के बजाय उसे पहले कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ जाए। उसके बाद ही इलाज करेंगे। कोरोना टेस्ट किया भी गया। महिला की रिपोर्ट भी निगेटिव आई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। आशा देवी पांच माह की गर्भवती थीं। महिला एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंची तो कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जताते हुए उसे कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया।
परिजन उसे जिला अस्पताल अल्मोड़ा लेकर पहुंचे तो उसे कोविड-19 की जांच के लिए बेस अस्पताल भेजा दिया गया। बेस अस्पताल में महिला की कोरोना जांच हुई और महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई, इस दौरान उसकी तबीयत और बिगड़ गई। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को फिर से बेस अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सवाल यह है कि क्या महिला की मौत के लिए जिम्मेदार डाॅक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होगी।