उत्तराखंड के युवाओं में हमेशा से सेना में जाने का उत्साह रहता है। आज हर एक परिवार से कोई न कोई नौजवान सेना में है। उत्तराखंड के वीर बहादुर आज देश के कोने-कोने में मौजूद हैं जो की देश की रक्षा कर रहे हैं। वहीं इनमे नाम जुड़ गया है मूलरूप से चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लॉक के बिनायक गांव निवासी रावत दंपती का इकलौता बेटा हीरा सिंह रावत का। जो अब सेनाम में जाने को तैयार है जो लेफ्टिनेंट बन देश की सेवा करेंगे।
बता दें कि शानिवार को पासिंग आउट परेड में चमोली के हीरा सिंह रावत ने भी साथ कैडेट्स के सात कदमताल कर परेड की और सेना में अफसर बने। हीरा को आर्मी एवियेशन कोर में कमीशन मिला।
ठुकराई मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब, सेना की ज्वॉइन
जानकारी मिली है कि हीरा रावत ने केंद्रीय विद्यालय आइएमए से दसवीं व 12वीं उर्तीण करने के बाद हीरा ने आगरा स्थित दयालबाग इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की और इसके बाद उसका प्लेसमेंट टाटा कंसल्टेंसी सर्विस मे हुआ, लेकिन हीरा ने मल्टीनेशनल कंपनी के जॉब को ठुकराकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया और सेना ज्वाइन की। हीरा रावत ने सीडीएस की परीक्षा पास कर अकादमी में प्रवेश लिया और कड़ी मेहनत के बाज आज देश का मजबूत अंग बने।
अपने हाथों से रस्मी तौर पर बेटे के कंधों पर सितारे लगाएंगे-पिता
जानकारी मिली है कि हीरा रावत के पिता मोहन सिंह रावत रिटायर नायब सुबेदार हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे की कामयाबी पर खुशी है। गर्व इस बात का भी दादा, नाना व पिता के बाद बेटा भी अब सैन्य सेवा के जरिये देश के सरहदों की हिफाजत करने जा रहा है। बताया कि बेटा सैन्य यूनिट से जब छुट्टी लेकर घर आएगा तो जरूर वह अपने हाथों से रस्मी तौर पर बेटे के कंधों पर सितारे लगाएंगे।