दिल्ली: शनिवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में अंतर्राज्य परिषद की 11 वीं बैठक में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील 400 से अधिक चिन्हित गांवों के विस्थापन व विगत दिनों भारी वर्षा, भूस्खलन की घटनाओं से राज्य में हुए व्यापक नुकसान की क्षतिपूर्ति में केंद्र सरकार से सहायता करने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में डॉप्लर राडार शीघ्र स्थापित किए जाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में जिलाधिकारी जिला योजना समिति के पदेन सदस्य हैं। राज्य में स्थित जिलों का आकार छोटा है, जिसके फलस्वरूप जिलाधिकारी अपने कार्य के साथ-साथ जिला योजना समिति के कार्य भली-भांति सम्पन्न कर रहें हैं। ऐसी स्थिति में पृथक से प्रशासनिक ढांचे के गठन की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय बलों की स्वमेव तैनाती (SUO MOTU DEPLOYMENT OF CENTRAL FORCES) को संविधान की मूल भावना के विपरीत बताते हुए कहा कि इसके दुरूपयोग किये जाने की आंशका बनी रहेगी। इसलिए वर्तमान व्यवस्था को बनाये रखना ही उचित है। पर्यावरण, पारिस्थितिकी एवं जलवायु परिवर्तन विषयों को समवर्ती सूची से संघीय सूची में लाये जाने पर राज्य को आपत्ति है। उक्त विषय को वर्तमान व्यवस्था के तहत समवर्ती सूची में ही रखा जाये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने विगत कुछ दिनों से राज्य में भारी वर्षा, बाढ़ एवं बादल फटने की व्यापक घटनाओं से भारी जन हानि, पशुधन हानि व सम्पत्ति की हुई क्षति का जिक्र करते हुए कहा कि अभी भी भारी वर्षा का दबाव बना हुआ है। अब तक के अनुमान से लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की क्षति हुई है जिसके लिए राज्य सरकार अलग से एक प्रतिवेदन भारत सरकार को प्रस्तुत कर रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य में प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव गत कुछ वर्षों से हर साल बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने सर्वाधिक संवेदनशील 400 से अधिक ग्राम चिन्हित किए हैं। इन ग्रामों के विस्थापन के लिए राज्य सरकार ने एक योजना बनाई है जिसमें भारत सरकार के वित्त पोषण से इस योजना को क्रियान्वित किया जा सकता है। राज्य में आधार कार्ड की प्रगति की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड, इंफार्मेशन टेक्नोलोजी द्वारा जनसुविधा उपलब्ध कराने तथा आधार कवरेज के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों मे सम्मिलित है। राज्य की जनता को अनुदान व प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य के अधिकांश विभागों का डिजिटिलाईजेशन किया जा चुका हैं। राज्य सरकार द्वारा ’ई-लाईफ सर्टिफिकेट’ की सुविधा दी गई हैं, जिससे लगभग 7 लाख पेंशनर्स लाभान्वित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए नियमित रूप से मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है। अभिभावकों की अपेक्षाओं का चिन्हांकन करने हेतु शिक्षक-अभिभावक संघ का गठन प्रत्येक विद्यालय में किया गया है। विद्यालयों मे बाल स्वास्थय क्लबों की स्थापना की गई है ताकि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जा सके।
आंतरिक सुरक्षा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व से सभी अवगत हैं। हमारे राज्य के अभिसूचना विभाग के स्मैक (Subsidiary Multi Agency Centre) कंट्रोल रूम द्वारा समस्त सुरक्षा पहलुओं से संबधित अभिसूचनाओं का, केन्द्रीय व अन्य राज्यों की सुरक्षा संस्थाओं से आदान प्रदान किया जा रहा हैं। आंतकवादी गतिविधियों एवं घटनाओं की समुचित रोकथाम के लिए हमारे राज्य में अभिसूचना विभाग के अंतर्गत 14 ए0टी0सी0 (Anti Terrorist Cell) व 1 ए0टी0एस0(Anti Terrorist Squad) कंमाडो कंपनी स्थापित की गई हैं। उग्र वामपंथी व उनके फ्रंटल संगठनों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण व अंकुश लगाये जाने हेतु प्रभावित 6 जनपदों मे 7 स्थानों पर स्पेशल ऑपरेशन टास्क फोर्स का गठन किया गया हैं, जिसकी अभिसूचना का आदान प्रदान भी केन्द्र व अन्य राज्यों से किया जा रहा हैं।