मेरठ: प्यार के दुश्मनों को बेटियां प्यार का मतलब सिखाएंगी। आॅनर किलिंग के नाम पर बेटियों को मार दिया जाता है। लड़कों को कोई दोष नहीं दिया जाता। सारी बंदिशें बेटियों पर ही लगाई जाती हैं। इसके खिलाफ स्कूल और काॅलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों ने आॅनर किलिंग के खिलाफ एक सेना बनाई है। बेटियों की ये सेना अब आॅनर किलिंग करने वालों को सबक सिखाएगी। बेटा बिगड़ता है तो कोई सजा नहीं, लेकिन बेटी बिगड़ जाए तो हत्या करना कहां का न्याय है। समाज में ऑनर किलिंग के नाम पर बेटियों के साथ जो अपराध हो रहा है उसके खिलाफ शहर की लड़कियों ने आवाज बुलंद कर इस आंदोलन की शुरुआत की है।
कंकरखेड़ा की निशा ने अपनी सहेलियों के साथ मिलकर वॉर अगेंस्ट ऑनर किलिंग नामक समूह शुरू किया है। पढ़ाई के साथ जॉब कर रही निशा ने दोस्तों के साथ मिलकर इस अभियान को शुरू किया है। निशा कहती है हमारे समाज में सारी बंदिशें केवल लड़कियों पर लागू हैं। बुराई हमेशा लड़की को, सजा भी केवल लड़की को क्यों मिलती है?
मेरी दो सहेलियों की उनके घरवालों ने हत्या कर दी। वो गलत थीं या नहीं, यह जानने की भी कोशिश नहीं की गई। पुलिस ने पूछा तो कह दिया कि लड़की बिगड़ गई थी। अपनी सहेली टीना को न्याय दिलाने से हमने अभियान शुरू किया है। मेरी सहेलियों की तरह दूसरी लड़कियां भी बेवजह मारी न जाएं इसलिए जंग छेड़ी है। हर उस लड़की के लिए न्याय की मांग करेंगे, विरोध करेंगे, जिसे उसके घरवालों ने बिना किसी गुनाह के ही मार डाला। ऑनर किलिंग के खिलाफ इस जंग में 70 लोग शामिल हैं, इसमें 30 से अधिक लड़कियां हैं।