उधम सिंह नगर :(मोहम्मद यासीन) नेशन हाई वे की जर्जर हालत को सुधारने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के साथ सड़क के गड्ढों में बैठकर धरना दिया। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की अजीब विडंबना है कि लोग टोल भी चुकाएं फिर भी गड्ढा युक्त सड़क पर चलें। ऐसा ही नजारा एनएच 74 पर दिखाई देता है पुलभट्टा के पास। इसके अलावा रुद्रपुर में भी एक टुकड़ा गड्ढा युक्त ही है। एनएच 74 का निर्माण कर रही कंपनी पर शासन व प्रशासन कोई शिकंजा नहीं कस पा रही है।
यूं तो जब भी कोई नेशनल हाइवे का निर्माण होता है तो निर्माण की अवधि में सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी निर्माण करने वाली संस्था की होती है, ताकि यात्रियों को दिक्कत नहीं होती। एनएच 74 पर टोल शुरू हुए काफी समय बीत चुका है, लेकिन पुलभट्टा और किच्छा के शमशान घाट के पास आज भी सड़क में गड्ढे ही गड्ढे हैं। लेकिन पुरानी सड़क की मरम्मत भी नहीं कराई गई है, जिस कारण यहां धूल का गुबार उड़ता है। वाहनों में सवार यात्रियों को हिचकोले खाने पड़ते हैं, जिससे टोल चुकाने वाले लोग खासे आहत होते हैं। आखिर जब वाहनों से टोल वसूली की जा रही है तो सड़क में मौजूद गड्ढों को भरने की जिम्मेदारी किसकी है? इसी तरह किच्छा के शमशान घाट के पास सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है, कई बार जिले के प्रशासनिक अफसर निर्माण कर रही संस्था को सड़क पूरी करने को लेकर हिदायत दे चुके हैं, मगर अफसरों के निर्देशों पर कोई सुनवाई नहीं होती। अधूरे पड़े एनएच 74 पर टोल वसूली के खिलाफ कई बार आंदोलन हुए, मगर सिर्फ आश्वासनों की घुट्टी पिला कर उत्तेजित लोगों को शांत कर दिया गया।
आखिर एनएच 74 के निर्माण में बाधाएं कहां आ रही हैं और उनका समाधान कब तक होगा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस मुद्दे की सरकार का ध्यान आकर्षित करा चुके हैं, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। वहीं आज किचछा क्षेत्र की सड़कों की हालत खराब होने के कारण कांग्रेस प्रदेश के पूर्व महासचिव एनएचएम पर धरने पर बैठे गए उनका कहना है कि गड्ढों में सड़क होने के कारण शासन प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है. बाइट : हरीश पनेरु कांग्रेसी नेता