रिपोर्ट के अनुसार, आध्यात्मिक गुरु या बाबा के रूप में पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIO) संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए सैनिकों या उनके परिवारों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। यह आईएसआई द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नवीनतम विधि है। एक आंतरिक दस्तावेज में सेना ने अपने कर्मियों को इस जासूसी तकनीक में न फंसने की चेतावनी जारी की है।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि यूट्यूब, व्हाट्सएप और स्काइप का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे सेवारत सैनिकों को निशाना बनाया जा सके। सेना ने लगभग 150 सोशल मीडिया प्रोफाइल की पहचान की है, जिन पर पाकिस्तानी एजेंट होने का संदेह है। ये सभी एजेंट संवेदनशील जानकारी एकत्र करने के लिए सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके आश्रितों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।