मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. कहीं भी रहो कहीं भी जाओं तो सबसे पहले फोन का ही ध्यान आता है और गलती से फोन कहीं छूट जाए गुम हो जाए तो हम हैरान परेशान हो जाते हैं और उसे ढूंढने में जी जान लगा देते हैं। वहीं मोबाइल फोन को अपनी यूनीक पहचान देने वाले आइएमईआइ (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी) नंबर को लेकर देश में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
मामला मध्य प्रदेश का है जहां जोनल साइबर की पुलिस टीम फर्जीवाड़े की तह तक पहुंची है और इसका पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक एक ही आइएमईआइ नंबर पर पूरे देश में एक लाख से ज्यादा मोबाइल सक्रिय हैं। बता दें कि अकेले जबलपुर में एक ही नंबर पर सक्रिय 125 मोबाइल फोन मिले हैं। करीब 50 हजार मोबाइल की जानकारी पुलिस ने पुलिस मुख्यालय को भेजी है। शेष नंबरों को सूचीबद्ध कर पूरा ब्योरा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने की तैयारी की जा रही है।
पुलिस महानिरीक्षक विवेक शर्मा ने बताया कि आइजी को कुछ दिन पहले गोपनीय सूचना मिली थी कि जिले में कई मोबाइल कारोबारी चोरी के मोबाइलों की आइएमईआइ नंबर बदल रहे हैं। जबलपुर के जयंती कॉम्प्लेक्स ओमती स्थित सिद्धि विनायक मोबाइल शॉप में यह फर्जीवाड़ जोरों पर है। आइजी के निर्देश पर जोनल सायबर पुलिस टीम ने जांच की तो इस दौरान एक ऐसे मोबाइल की जानकारी मिली, जिसे कुछ दिन पहले सिद्धि विनायक मोबाइल शॉप से सुधरवाया गया था
सभी मोबाइल वीवो कंपनी केमोबाइल की जांच की गई तो सुधार के बाद उसकी आइएमईआइ बदली मिली। सिद्धि विनायक मोबाइल शॉप के संचालक प्रदीप ठाकुर ने उसकी आइएमईआइ बदल दी थी। टीम ने जब आइएमईआइ की जांच की तो देश के कोने-कोने में उसी नंबर पर संचालित एक लाख से ज्यादा मोबाइल मिले। जबलपुर में 125 मोबाइल का पता चला, जिनके यूजर्स से संपर्क कर पुलिस ने उनके मोबाइल को जांच में शामिल किया। एक ही आइएमईआइ नंबर पर देश में चलने वाले सभी मोबाइल वीवो कंपनी के निकले।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि जांच में अभी और कई मोबाइल एक ही आइएमईआइ पर सक्रिय मिल सकते हैं। केंदीय गृह मंत्रालय से संपर्क कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर सेंट्रल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआइआर) में संबंधित आइएमईआइ नंबर डालने के बाद सभी मोबाइल नंबरों को नेटवर्क से बाहर किया जा सके।