एक सात साल की बच्ची के साथ बेरहमी से रेप की खबर से सनसनी मच गई. जिसने इस घटना के बारे में सुना वो सुन्न रह गया. क्योंकि बच्ची इतनी छोटी थी कि उसे तो अंदाजा भी नहीं होगा कि उसे किस बात की सजा मिली. मामला उत्तरप्रदेश के मऊ का है. जहां मासूम 7 साल की बच्ची के साथ रेप किया गया. मासूम बच्ची अपनी खुद की मदद करने के लिए हाथ-पैर तक नहीं मार सकती. उसकी आवाज़ इतनी तेज़ नहीं कि आस-पास किसी को सुनाई दे सके. उस बच्ची को काबू में करने के लिए एक आदमी ही काफी है. उस बच्ची का इतनी क्रूरता से रेप होता है, कि उसका यूट्रस निकालना पड़ जाता है.
सवाल सरकार से है कि क्या रेप के लिए सिर्फ और सिर्फ फांसी की सजा का कानून नहीं बनना चाहिए? चुनाव के लिए कई नियम बनाए जाते हैं, ट्रैफिक नियमों के लिए कई कानून बनाए जाते हैं लेकिन रेप के लिए कोई कठोर कानून क्यों नहीं? आखिर कब तक मासूम बच्चियां, महिलाएं और युवतियां इसकी शिकार होती रहेंगी. सरकार से एक ही गुजारिश है कि ऐसा कानून बनाया जाए ताकी ऐसे घिनौने लोग लड़की की और बच्चियों की तरफ देखने से भी डरें.