नैनीताल: हाईकोर्ट ने परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम ऋषिकेश के खिलाफ गंगा नदी किनारे को कब्जाकर अतिक्रमण के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कड़ा रुख दिखाया है। होईकोर्ट ने सरकार और अन्य को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम ने गंगा किनारे 70 मीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है। भूमि राज्य सरकार की है और इस स्थान पर गंगा में पुल का निर्माण किया जा रहा है।
साथ ही नदी में एक मूर्ति भी बनाई जा रही है। याचिका में कहा कि यहां बनाए गए व्यावसायिक भवन को बैंक और अन्य लोगों को किराए पर दिया गया है। इसका किराया आश्रम के पास जमा हो रहा है, जिससे सरकारी राजस्व की हानि भी हो रही है। याचिका में यह भी कहा कि यहां चल रही गतिविधियों के दौरान होने वाले कूड़े को गंगा नदी में डाला जा रहा है। याचिका में इस पर रोक लगाने की मांग की गई।