हरिद्वार : डेंगू का डंक अभी कम हुआ ही नहीं था कि अब चमकी बुखार ने उत्तराखंड में दस्तक देकर अटैक कर दिया है. आपको बता दें कि चमकी बुखार से गुरुवार को हरिद्वार के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। दरअसल चमकी बुखार के अटैक के बारे में शुक्रवार को ऋषिकेश एम्स से आई रिपोर्ट के बाद पता लगी। पहले डेंगू और अब चमकी बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हरिद्वार जिले में चमकी बुखार से यह पहली मौत है। अब विभाग ने भी मान लिया है कि इस व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं, बल्कि चमकी बुखार से हुई है
चमकी बुखार के लक्षण
चमकी मानव मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है। हमारे मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं। इनके सहारे शरीर के अंग काम करते हैं। जब इन कोशिकाओं में सूजन या कोई अन्य दिक्कत आती है, तो इसे ही एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार कहते हैं।
चमकी बुखार में क्या करें
पानी पिलाते रहे, इससे उन्हें हाइड्रेट रहने और बीमारियों से बचने में मदद मिलेगी, तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें, पंखे से हवा करें या माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगाएं, ताकि बुखार कम हो सके, शरीर से कपड़े हटा लें और उसकी गर्दन सीधी रखें, डॉक्टर की सलाह के बाद पैरासिटामोल या अन्य सिरप दें, अगर मुंह से लार या झाग निकल रहा है तो उसे साफ कपड़े से पोछें, जिससे सांस लेने में दिक्कत न हो, बच्चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें। बेहोशी व दौरे आने की स्थिति में मरीज को हवादार जगह पर लिटाएं।