घनसाली : घनसाली विधानसभा के डंडयोड गांव के लोगों में भालू के हमले से दहशत का माहौल है. दरअसल आज सुबह 63 वर्षीय बुजुर्ग पर भालू ने हमला कर दिया. गनीमत रही कि बुजुर्ग की जान बच गई. लेकिन यहां सरकार द्वारा ग्रामीणों को हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा देने के दावे की पोल खुलती दिखी.
मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह 8 बजे जब डंडयोड/रगड़़ी गाँव के निवासी और वन पंचायत के सरपंच 63 वर्षीय शिवदत्त रोजाना अपने कार्यक्रम के तहत जँगल के भ्रमण करने गए थे. तभी ठीक उसी समय उन पर एक भालू ने हमला कर दिया. भालू के हमले से शिवदत्त बुरी तरह जख्मी हो गए. उनके दोनों हाथ और सिर में गहरे घाव हुए हैं और साथ ही कंधे की हड्डी टूटने की भी आशंका है. वहीं घायल बुजुर्ग को देख देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे औऱ उन्हें टैक्सी से उपचार के लिए सामुदायिक स्वाथ्यय केंद्र बेलेश्वर लाया गया.
डॉक्टर के अनुसार वो खतरे से बाहर हैं, लेकिन उनको प्राथमिक उपचार देने के बाद हायर सेंटर भेजने की बात कही गयी है।
उत्तराखंड के अस्पताल बने रेफर सेंटर
बड़ा सवाल ये है कि आखिर उत्तराखंड में सभी सरकारी अस्पताल मात्र रेफर सेंटर बनकर क्यों रह गए हैं. यही आलम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर में भी देखने को मिला. गंभीर बिमारी हो या छोटी मोटी, कोई गंभीर घायल हो या मामूली सा…हर बात पर रेफर कर दिया जाता है जिससे मरीज की फजीहत होती है औऱ उनके परिवार वाले परेशान होते हैं.
सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह इन पीपीपी मोड के अस्पतालों पर खर्च कर रही है. धनकुबेरों की जेबें भर रही लेकिन हर ओऱ से फजीहत सिर्फ औऱ सिर्फ जनता की हो रही है. बात करें गांव वालों की तो गांव वाले सड़क से लेकर बिजली पानी और चिकित्सा सुविधा के लिए तड़प रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.