हर दिन होने वाले दुर्घटनाओं में लोगों की जानें तक जा चुकी हैं। कुछ लोग गंभीर घायल होने के बाद अपाहिज हो गए, जबकी दो-तीन ऐसे भी हैं, जो दुर्घटना के बाद से आज तक कोमा में हैं। सड़क की हालत सुधारने को लेकर कई बार शासन-प्रशासन को लिखा जा चुका है। क्षेत्रीय विधायक और मंत्री अरविंद पांडे से भी सड़क की बदहाली दूर करने की गुहार लगाई गई, लेकिन उन्होंने भी अनसुना कर दिया।
कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे के विधानसभा क्षेत्र की यह रोड स्थानीय लोगों के काफी संघर्ष के बाद 2013-14 में लंबे आंदोलन के बाद 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने 75 करोड़ में बनवाया गया था। लेकिन, बनने के एक साल बाद ही सड़क पूरी तरह से बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई। मुलाकात के बाद अरविंद पांडे ने तत्काल एसआईटी जांच के आदेश दिये। लेकिन तब से आज तक ना तो जांच हुई और ना सड़क के गड्ढे भरे जा रहे हैं।