देहरादून, संवाददाता। नोटबंदी के पांचवे दिन भी जनता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राजधानी देहरादून में बैंकों और एटीएम पर लोगों की सुबह से भीड़ उमड़ने के बाद भी कुछ ही लोगों को कैश मिल पा रहा है, जबकि ज्यादातर लोग कैश न मिलने से ज़रुरी सामान तक नहीं खरीद पा रहे है। हालांकि कुछ लोग केन्द्र के इस फैसले से सहमत तो है लेकिन अव्यवस्थाओं को लेकर लोगों में नाराज़गी भी देखने को मिल रही है। गजब तो ये है कि जनता इसे सही कदम मगर अधूरी तैयारियों भरा बता रही है।तो कई लोगों ने चुटकी लेते हुए कहा कि इतिहास की किताब मे भी मुहम्मद तुगलक के फैसलों का जिक मिलता है जो सोचता तो बढिया था लेकिन उसकी सोच धरातल पर जनता को परेशान कर देती थी। बहरहाल बड़ा सवाल है कि जनता की फौरी जरूरते कैसे पूरी होंगी क्योंकि बैंक में भीड़ है और एटीएम में कैश नहीं है। साफ दिख रहा है कि सरकार ने नोटबंदी पूरा होमवर्क नहीं किया है । बैंकों के बाहर के नजारों से कहा जा सकता है कि हड़बड़ी में लिए फैसले से आम लोग परेशान हैं जिन्हें होना चाहिए था वो नहीं ।