देहरादून: उत्तराखंड के 800 से ज्यादा स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं। प्रदेश के करीब 2800 दूसरे स्कूलों पर ताला लटकने का संकट मंडरा रहा है। ऐसे में उन स्कूलों में तैनात शिक्षकों की तैनाती पर भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। स्कूलों के बंद होने के पीछे सबसे बड़ा कारण घटती छात्र संख्या है। प्रदेश में 2800 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जिनमें छात्र संख्या 10 तक सिमट गई है। इससे कम होने पर स्कूलों में ताला लटक सकता है।
स्कूलों पर ताला लटक जाने से वहां तैनात शिक्षकों की नौकरी पर आंच आ सकती है। यही वजह है कि अब स्कूलों का वजूद बचाने के लिए शिक्षकों ही हाथ-पांव मारने पड़ रहे हैं। शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने की गुजारिश कर रहे हैं और सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के फायदे गिना रहे हैं।