रुड़की, संवाददाता – गुनहगार चाहे कितना चालाक क्यों न हो कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता। आप यकीन करो या न करो लेकिन 25 साल बाद पुलिस ने अपहरण के एक आरोपी को गिरफ्तार कर यह साबित कर दिया है कि कानून के हाथ वाकई में बेहद लंबे होते हैं। अपहरण के एम मामले में वांछित आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस को पूरे 25 साल बाद कामयाबी मिली है।
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के गाँव शालियर मे आज से 25 साल पहले 18 फरवरी 1991 को सात लोगो ने अरविन्द नामक एक बच्चे का अपहरण कर लिया था। यह अपहरण फिरोती वसूलने के मकसद से किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए अरविन्द को तो तभी सकुशल बरामद करने के साथ ही साथ अपहरण के सात आरोपियों में से 6 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया था। दिलचस्प बात ये है कि इस मामले में एक आरोपी की कुछ साल पहले मौत हो गई है जबकि सातवां फरार आरोपी जिसका नाम बासित है 25 साल बाद पुलिस के हत्थे चढा है।
बासित नाम का आरोपी पश्चिम बंगाल में जा कर बस गया था और इन पच्चीस सालों में उसने अपने किसी सगे सम्बन्धी से भी कोई राबता कायम नहीं किया जिस कारण पुलिस को इस मामले में कोई सफलता नहीं मिल रही थी। उधर न्यायालय में अपहरण मे शामिल आरोपी को अदालत में पेश करने के लिए पुलिस पर लगातार दबाव बना हुआ था । हालांकि पुलिस ने बासित को पकड़ने के लिए अपने मुखबिरों का जाल बिछाया हुआ था।
आखिरकार पुलिस को सर्विलांस के ज़रिये बासित के पश्चिम बंगाल में रहने की जानकारी मिली। इन 25 सालों में 2500 रूपए के इनामी बासित ने पंश्चिम बंगाल मे अपनी गृहस्थी भी बसा ली थी। 25 साल बाद पुलिस के कब्जे में आए बासित ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कानून उसके जुर्म को तब तक याद रखेगा जब तक गुनाह का फैसला न हो जाए। बहरहाल गंग नहर पुलिस ने एक संयुक्त टीम का गठन कर बंगाल से आरोपी बासित को धर दबोचा है और उसे जेल भेजने की तैयारी कर ली है।