देहरादून(हिमांशु चौहान)- प्रदेश के तमाम विभागों और निगमों में ‘लाइफलाइन’ की भूमिका निभाने वाले करीब 24 हजार उपनल कर्मी सोमवार और मंगलवार को काम नहीं करेंगे। वेतन बढ़ोतरी समेत सुरक्षित भविष्य के लिए नियमावली बनाने आदि की मांग को लेकर उनपल कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन का एलान किया है।
वेतन बढ़ोतरी की लंबे समय से कर रहे मांग
दरअसल उपनल कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी की लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। प्रदेश के राजकीय और निगम कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से ही सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है, जबकि एक साल बीत जाने के बाद भी उपनल कर्मचारियों की सुध नहीं ली जा रही।
इस कारण उपनल कर्मचारी निराशा से घिर चुके हैं। इसी कारण आंदोलन जैसा कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मांग उठाई कि उपनल कर्मचारियों को या तो समान कार्य समान वेतन दिया जाए या प्रतिमाह न्यूनतम 21 हजार रुपये का वेतन दिया जाए।
जिन राजकीय विभागों में असृजित पदों पर उपनल कर्मी तैनात हैं, उन्हें सृजित किया जाए और चतुर्थ श्रेणी के जिन पदों पर उपनल कर्मी तैनात हैं, उन पदों को पुनर्जीवित किया जाए। इसके साथ ही उपनल कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए नियमावली बनाई जाए।
जब तक नियमावली नहीं बन जाती, तब तक किसी भी उपनल कर्मचारी को हटाया न जाए। महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के भीतर मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।