आपको भी ये मामला सुनकर जरुर हैरानी होगी…कि कैसे अपनी पत्नी के मर्डर के आरोप में जेल गया पति 23 साल बाद रिहा किया गया उसकी आधी जिंदगी जेल मे कटी जो की कभी वापस नहीं आएगी.
22 मई, 1996 को सन्हौला थाने में दर्ज दहेज हत्या की रिपोर्ट
जी हां मामला बांका जिले के पंजबारा का है जहां प्रतिमा देवी की शादी 1980 में सन्हौला थाना क्षेत्र के अमडीहा गांव के सुरेश यादव के साथ हुई थी। शादी के बाद बच्चा नहीं होने से उसे प्रताड़ित किया जाता था। प्रतिमा मायके में रहने लगी थी। जनवरी 1996 में सास की मौत के बाद पति प्रतिमा देवी को विदाई कराकर ले गए थे। मायके में शादी का कार्ड लेकर भाई कांति प्रसाद यादव बहन के घर गए तो बहनोई ने कहा कि दो माह पहले ही प्रतिमा भाग गई है। कांति ने 22 मई, 1996 को सन्हौला थाने में दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराकर शव को गायब करने का आरोप लगाया।
2008 को कांति ने कोर्ट को सूचित किया कि प्रतिमा जिंदा है
पुलिस ने आरोपी सुरेश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। महिला का शव बरामद नहीं होने से कोर्ट में केस पेंडिंग हालत में चल रहा था। इसी दौरान 23 मई, 2008 को कांति ने कोर्ट को सूचित किया कि प्रतिमा जिंदा है। यूपी में जगदीश यादव से शादी कर ली है। कोर्ट ने प्रतिमा देवी को उपस्थित कराने का आदेश दिया था लेकिन उपस्थित नहीं कराया गया। कोर्ट ने आरोपी को रिहा कर दिया।
भाई ने कोर्ट को प्रतिमा देवी के जिंदा होने का प्रमाण दिया, पति रिहा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेश प्रसाद सिंह के कोर्ट ने शनिवार को मृत पत्नी प्रतिमा देवी के जिंदा मिलने के 23 साल पुराने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति सुरेश यादव को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। हालांकि प्रतिमा देवी कोर्ट में हाजिर नहीं हुई लेकिन केस के वादी और भाई ने कोर्ट को प्रतिमा देवी के जिंदा होने का प्रमाण दिया।