देहरादून : साल 2018 कल विदा ले रहा है…2018 उत्तराखंड राज्य के लिए क सौगातें लेकर आया तो कई दुख भी देकर गया. वहीं बात करें उत्तराखंड पुलिस विभाग की एसडीआरएफ की तो साल 2018 SDRF की टीम के लिए चुनौतीपूर्ण भी रहा तो उसी के साथ जीत फतह का साल भी रहा. एक ओऱ जहाँ एसडीआरएफ टीम ने एवेरेस्ट की ऊचाइयों को छुआ तो वहीं गंगा की लहरों में अनेक कावड़ियों को डूबने से बचाया। जहां एक और प्रदेश भर में जनजागरूकता की बयार फैलाई, वहीं स्वयं सशक्तिकरण में भी अनेक कदम उठाए. चारधाम सकुशल सफल यात्रा हो या कैलाश मानसरोवर यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा हो…हर ओर sdrf की टीम जनता की सेवा के लिए आगे रही.
साल 2018 में 484 घायलों को सुरक्षित निकाला, 265 शवों को किया बरामद
आपको बता दें एसडीआरएफ ने साल 2018 में 319 रेस्कयू ऑपरेशनों को अंजाम दिया और 484 घायलों को सुरक्षित निकाला ह. वहीं 265 शवों को घटनास्थल से तलाश कर परिजनों तक पहुँचाया. sdrf के रेस्कयू ऑपरेशनों के कारण लोग एसडीआरएफ को देवभूमि के देवदूत औऱ हनुमान पुलिस जैसे उपनामों से पुकराने लगे.
एसडीआरएफ के काबिले तारीफ काम
अमेरिकन नागरिक की बचाई जान, ट्वीट कर किया धन्यवाद
एसडीआरएफ ने सितम्बर में एक अमेरिकन नागरिक jeffrey keith के बद्रीनाथ वसुधारा ट्रेक में गम्भीर अवस्था और विकट मौसम में रेस्कयू किया…जिसकी गूंज भारतीय मीडिया सहित अमरीकी मीडिया में भी सुनाई दी. भारत में तैनात अमेरीकी राजदूत marykay carlson ने खुद मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ट्वीट कर धन्यवाद अदा किया और इसे भारत अमेरिका दोस्ती का मजबूत पहलू बताया.
बरसात के मौसम में कई पालतू पशुओं का किया रेस्क्यू
बरसात के मौसम में अनेक जगह में पानी की तेज बहाव से आई तबाही से अनेक पालतू पशुओं को अपने चपेट में ले लिया. इस स्थिति में अनेक बार sdrf द्वारा नदी घाटियों से गोवंस और पालतू पशुओं का सफल रेस्कयू किया. उत्तरकाशी में तीव्र प्रवाह हुए ऐसे ही एक घोड़े का रेस्कयू ऑपरेशन नेशनल ज्योग्राफी चेनल द्वारा बंगलोर स्थित मीडिया सेंटर के माद्यम से मंगवाया गया
लोगों को किया जागृत करने का काम
मिशन जागृति को आगे बढ़ाते हुए sdrf ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आपदा स्वयं सेवक, युवा मंगल दल, पुलिस, पी आरडी एवम महिला मंगल दलों को आपदा से बचाव, मानव क्षति न्यूनीकरण, एवम फर्स्ट रिस्पांडर सहित अनेक प्रशिक्षण दिए. साल 2018 में लगभग 1700 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जबकि हजारों ग्रामीणों एवं छात्र छात्राएं जनजागरूकता अभियान का हिस्सा बनी।
दिल्ली से आए ट्रेकर दलों का किया रेस्क्यू
6 जनवरी को ओली के गुरसा बुग्याल में दिल्ली से आये एक ट्रेकर दल के फसें होने पर sdrf टीम ने उच्च तुंगतात्मक क्षेत्रमे सफल रेस्कयू ऑपरेशन चलाया. उत्तरकाशी की ही एक अन्य घटना में गोमुख ग्लेशियर में रास्ता भटक चुके 16 ट्रैकरों को मुख्य मार्ग तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी.
24 ट्रेकरों को सकुशल वापस पहुँचाया उत्तरकाशी
11 अप्रेल 2018 को उत्तरकाशी के चांगसिल ट्रेक पर हॉस्टल एशोसिएशन इंडिया के 29 ट्रेकरों के खराब मौसम में फंसने और सम्पर्क पूर्ण तरह टूट जाने पर एसडीआरएफ टीम ने रेस्कयू किया औऱ 24 ट्रेकरों को सकुशल वापस उत्तरकाशी पहुँचाया गया।
ग्रामीणों के लिए देवदूत बनी एसडीआरएफ
अगस्त औरर सितम्बर में हुई अतिव्रिष्टि से उत्तराखण्ड में जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया। मैदानी क्षेत्र के गोहरिगावँ में अत्यधिक जल भराव से सैकड़ों परिवार गावँ में ही फ़ँस गए। जिनका अन्य स्थानों से सम्पर्क टूट गया…आपदा की भीषणता को देखते हुए sdrf ने रेस्कयू की कमान संभाली और कार्यों में सैकड़ों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया। आवश्यक सामन की आपूर्ति का माध्यम भी sdrf टीम बनी रही।
उत्तराखंड में घटी कई सड़क दुर्घटनाएं, SDRF की रही मुख्य भूमिका
साल 2018 में उत्तराखण्ड में भीषण और दुखद सड़क दुर्घटनाएं हुई. इन सभी दुर्घनाओं में एसडीआरएफ की मुख्य भूमिका रही. घायलों को अस्पताल पहुंचाना होया गहरी खाई से शवों को परिजनों तक पहुंचाना हो सबसे एसडीआरएफ नजर आई. पौड़ी के क्वीन गावँ धूमाकोट,उत्तरकाशी बड़कोट औऱ टिहरी जनपद में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों औऱ घायलों के आंकड़ों ने दहाई के अंकों को छुआ. इसके अलावा अनेकों सड़क दुर्घटनाओं में एसडीआरएफ ने विधुतीय रेस्कयू ऑपरेशन चालाए जिनके अभाव में मृतकों संख्या में बढ़ोतरी से इंकार नही किया जा सकता था।
विश्व शिखर सागरमाथा पर सफल आरोहण कर खिताब किया अपने नाम
उत्तराखण्ड पुलिस पर्वतारोही दल ने नव कीर्तिमान रचते हुए विश्व शिखर सागरमाथा पर सफल आरोहण कर , देश मे प्रथम प्रादेशिक पुलिस का खिताब अपने नाम किया, प्रदेश को गोरवन्तित करने वाले सभी टीम सदस्य sdrf में ही नियक्त थे ।
माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण अभियान
एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस माउंटेनियरिंग टीम के द्वारा वर्ष 2015 मैं मिशन भागीरथी ,एवं वर्ष 2017 में शिखर सतोपंथ में सफल आरोहण के पश्चात अपना अगला लक्ष्य एवरेस्ट को चुना ।जिस क्रम में दिनांक 29 मार्च 2018 को आयोजित फ्लेग समारोह में त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के साथ ही उत्तराखंड पुलिस के ध्वज को अनिल रतूड़ी पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड के सुपर्द कर, दल की कमान संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ को सौंपी गई. साथ ही 15 सदस्यीय उत्तराखंड पुलिस दल को हरी झंडी दिखा एवरेस्ट आरोहण के लिए रवाना किया. लगभग 55 दिन की यात्रा के दौरान टीम ने लोबचे, ईस्ट पीक, काला पत्थर शिखर को फतह किया और अंतिम चरण में 8 सदस्यों द्वारा दिनांक 20 एवं 21 मई को सागर माथा पर तिरंगा लहराकर सफल आरोहण किया
गोहरीमाफी रायवाला रेस्क्यू अभियान
4 अगस्त 2018 की रात अतिवृष्टि के कारण गोहरी माफी गांव रायवाला जनपद देहरादून बाढ़ग्रस्त हो गया था. इस दौरान एसडीआरएफ फ्लड टीम को ऋषिकेश से घटनास्थल को रवाना किया गया. साथ ही जौलीग्रांट देहरादून से एक अलर्ट टीम को भी सहायता के लिए तत्काल रवाना किया. खराब मौसम के मध्य लगभग 1 सप्ताह तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सैकड़ों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया साथ ही गांव में रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति राफ्ट के माध्यम से कराई गई। रेस्क्यू के दौरान अनेक घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया एक गर्भवती महिला को राफ्ट के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सालय पहुंचाया गया.
1968 में एक वायुसेना के विमान ने चार विमान कर्मी और 98 सैन्यकर्मी लेकर में से कुल 102 लोगों ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी। दल का कंट्रोल से आखरी संपर्क रोहतांग दर्रे के करीब हुआ था. पर्वतारोही दल के द्वारा ए एन-12 विमान और शव संबंधी सूचना सेना एवं निम को उपलब्ध कराई गई जिस आधार पर अन्य शवों को तलाशने का कार्य प्रारंभ किया गया।
पटना में खोजी अभियान
पटना बिहार में हुई सड़क दुर्घटना में एक सवार के स्कॉर्पियो सहित गंगा नदी में डूब जाने की घटना पर बिहार प्रशासन द्वारा एसडीआरएफ उत्तराखंड से सहायता मांगी गई थी. यह पहली बार था कि एनडीआरएफ एवं इंडियन नेवी के मौके पर मौजूद होने के उपरांत भी किसी प्रदेश द्वारा एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस से सहायता मांगी गई थी. जिस पर उपनिरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण के हमराह 4 सदस्यीय टीम पटना के लिए रवाना हुई थी एवं अत्याधुनिक खोजी उपकरण सोनार के माध्यम से गंगा के प्रबल प्रवाह में अपना खोजी रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया लगभग 2 सप्ताह तक चले इस खोजी अभियान के दौरान एसडीआरएफ दल के द्वारा वहां वाहन के संकेतों को अप्रत्यक्ष रूप से मिला.लेकिन गंगा के विकट प्रवाह एवं लगभग 40 फीट गहराई से बिहार प्रशासन के वाहन को खींचने की असमर्थता के कारण खोज का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं हो पाया। गठन के मात्र 5 वर्ष के पश्चात ही समर्थ एवं शीर्ष रेस्कयू बलों की मौजूदगी में एसडीआरएफ द्वारा खोजी अभियान में अपने सामर्थ्य का परिचय देना स्वयं में गर्व का विषय है।
यमुनोत्री रेस्कयू
यमुनोत्री घाटी में बादल फटने एवं अतिवृष्टि से जनसैलाब के कारण मुख्य पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया एवं अन्य वैकल्पिक मार्ग अवरुद्ध हो गए विपरीत मौसम में एसडीआरएफ द्वारा सारथी की भूमिका को निभाते हुए सैकड़ों फंसे हुए श्रद्धालुओं को रोप लेदर, बर्मा ब्रिज एवम रोप के माध्यम से सकुशल निकाल कर अपने घर भेजा
अमेरिकन ट्रैकर का रेस्क्यू
सावनी अग्निकाण्ड
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के मोरी ब्लॉक सावनी गांव में हुए भीषण अग्निकांड में गांव के लगभग 40 परिवार प्रभावित हुए जिनके मकान पूर्ण /आंशिक रूप से जल चुके थे जिससे गांव में दहशत व्याप्त हो रहा था। 7 किलोमीटर पैदल दूरी पर स्थित गांव में एसडीआरएफ टीम तत्काल ही मौके को रवाना हुई , एसडीआरएफ टीम द्वारा गांव वालों के रहने हेतु वैकल्पिक स्थानों का चयन कर प्रत्येक परिवार के रहने के लिए टेंट की व्यवस्था की गई गई, एसडीआरएफ टीम राहत एवं बचाव कार्य हेतु 5 दिन प्रभावित गांव में रही एवं प्रशासन द्वारा भिजवाई गई राहत सामग्री वितरण में सहयोगी भूमिका में रही
चटवा पीपल कर्णप्रयाग
26 मार्च 2018 को (पुलिस थाना कर्णप्रयाग, जनपद चमोली से) सूचना मिलने पर की गोचर कर्णप्रयाग मार्ग पर चकवा पीपल नामक स्थान पर एक अल्टो कार अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हुई है. इस सूचना पर एसडीआरएफ टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर तत्काल रेस्क्यू कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरु किया. टीम के सदस्य आरक्षी शक्ति सिंह ने व्यक्तियों के जीवित होने की संभावना को देखते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर अदम्य साहस का परिचय करते हुए 150 मीटर गहरी खाई में नदी के ठीक ऊपर खून से लथपथ दो व्यक्तियों को देखा और रोप रेस्कयू की मदद से घायलों को निकालने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सुननगर भटवाड़ी
5 अक्टूबर 2018 एसडीआरएफ को सूचना दी गई सुननगर भटवाड़ी के पास एक टेंपो ट्रैवलर गहरी खाई में गिर गया है. इस सूचना पर भटवाड़ी और उजेली में व्यवस्थापित टीमों ने तत्काल ही घटनास्थल घटनास्थल पर पहुंचकर सर्चिंग एवं रेस्क्यू कार्य शुरु किया. खोज एवं बचाव कार्य के दौरान सर्वप्रथम टीम द्वारा 150 मीटर गहरी खाई में गिरे वाहन से पांच घायल व्यक्तियों को रेस्क्यू कर सड़क मार्ग चलाया गया इसके उपरांत रेस्क्यू टीम द्वारा दो मृत व्यक्तियों को जो गाड़ी के अंदर फंसे हुए थे वाहन को उपकरणों से काटकर निकाला गया. विषम परिस्थितियों में हुए इस रेस्क्यू कार्य की स्थानीय नागरिकों एवम प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा सराहना की गई।
वहींप्रदेशभर में तेजी से जनमानस के दिलो में अपनी अलग पहचान बनाती राज्य आपदा प्रतिवादन बल के उत्कृष्ट कायों के लिए 15 अगस्त 2018 को 06 अधिकारी/कर्मचारियों को सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न से सम्मानित किया गया।