कोझिकोड- केरल में भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन को काफी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि भारी बारिश और भूस्खलन की घटना में अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है। आपदा नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के मुताबिक, केरल के विभिन्न इलाके इडुक्की में भूस्खलन में दस, मलप्पुरम में पांच मौतों की खबर सामने आ रही हैं। वहीं कन्नूर और वायनाड जिले में भूस्खलन से मौत की खबरें हैं। अन्य जिले वायनाड, पलक्कड ओर कोझिकोड जिलों में एक-एक व्यक्ति लापता बताए जा रहे हैं।
कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर तक बाढ़ का पानी भर आया। जिसके कारण एयरपोर्ट को कुछ समय के लिए बंद रखने का फैसला करना पड़ा। खतरे को भांपते हुए एयरपोर्ट के आस-पास पार्किंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है साथ ही अगली सूचना तक अन्य एयरपोर्ट से किसी प्रकार के डायवर्जन के लिए भी अनुमति नहीं दी गई है।
इडुक्की के अडीमाली शहर में भूस्खलन के कारण एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस तथा स्थानीय लोगों ने मलबे से दो लोगों को जिंदा बाहर निकाला। भारी बारिश के कारण इदामालयर बांध से आज सुबह करीब 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जल स्तर 169.95 मीटर पर पहुंच गया। पानी छोड़े जाने का बाद इडुक्की बांध में आज सुबह आठ बजे तक जल स्तर 2,398 फीट था जो जलाशय के पूर्ण स्तर के मुकाबले 50 फीट अधिक था।
बारिश से उत्पन्न हुए प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कोझिकोड और वायनाड जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल कोझिकोड पहुंच गया है। केंद्र से भी सहायता टीमें भेजने की अपील की गई है। बारिश के कारण इडुक्की, कोल्लम और कुछ अन्य जिलों में गुरुवार को स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
एर्नाकुलम जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि पानी छोड़े जाने के कारण इन क्षेत्रों में परेशानी की आशंका को देखते हुए चोरिनक्कारा और कोमबनाद गांवों में राहत शिविर खोले गए हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नदी के तट पर रहने वाले लोग को घबराने की जरूरत नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि, बांध का फाटक तीन बार सुबह पांच बजे, छह बजे और आठ बजे खोला गया। जल संग्रहण की अत्यधिक क्षमता तक जलस्तर के पहुंच जाने के बाद सभी फाटकों को एक मीटर खोल दिया गया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि हमने सेना, नौसेना, तटरक्षकों और एनडीआरएफ से मदद मांगी हैं। 3 टीमें मदद के लिए पहुंच चुकी हैं, इसके साथ ही 6 अन्य टीमें मदद के लिए आएंगी। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा है कि खतरे को देखते हुए नेहरू ट्रॉफी बोट रेस कैंसिल कर दी गई है।