देहरादून : पूरे उत्तराखंड के लोग सरकार से लापता जवान राजेंद्र नेगी के वतन वापसी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है। परिजनों समेत प्रदेश के लोगों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है और सरकार पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं कि आखिर राज्य सरकार अपने ही जवान के लिए कुछ क्यो नहीं बोल रही और सेना का दम भरने वाले पीेएम मोदी आखिर सिपाही की वापसी के लिए क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं।
न विंग कमांडर अभिनंदन की तरह राजेंद्र की भी वतन वापसी की मांग
लोग कई तरह के आरोप सरकार पर लगा रहे हैं क्योंकि अभिनंदर जब पाक सीमा पर जा पहुंचे थे तो पीएम समेत पूरा देश एक आवाज कर विंग कमांडर के वतन वापसी के लिए आवाज बुलंद किए था लेकिन सिपाही के लिए क्यों देश के लोग आवाज बुलंद नहीं कर रहे हैं? हर किसी का सवाल है कि क्या पीएम मोदी चुनाव को देखते हुए कोई कदम उठाना जरुरी समझते हैं? उत्तराखंड की जनता और परिजन विंग कमांडर अभिनंदन की तरह राजेंद्र की भी वतन वापसी की मांग कर रहे हैं।
9 जनवरी से लापता है जवान
बता दें कि उत्तराखंड के राजेंद्र नेगी 9 जनवरी से गुलमर्ग में अपनी पोस्ट से गायब है। परिवार औऱ प्रदेश के लोग जवान के वतन वापसी की गुहार राज्य औऱ केंद्र सरकार से लगा रहे हैं लेकिन सरकार प है। कुछ बोलने को राजी नहीं है। लगातार लोगों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जवान की वापसी की गुहार लगाई जा रही है। लोग लापता हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी के घर पहुंचकर परिजनों को ढाढस बंधा रहे थे। सलामती की दुआएं की जा रही थीं और तलाशी अभियान तेज करने की मांग उठ रही थी। लेकिन अब लोगों का आना-जाना कम हो गया है। यहां तक कि उनके घर आए भाई और रिश्तेदार लौट चुके हैं। घर के बाहर सन्नाटा पसरा था।
पिता के माथे पर चिंता की लकीरें, पत्नी ने खोई मुस्कान, बच्चे देख रहे आंगन
जवान के पिता, तीन बच्चे, पत्नी औऱ भाई रिश्तेदार सभी सैनिक की सकुशल वापसी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सब्र का बांध टूटता जा रहा है औऱ ऊपर से सरकार की खामोशी उन्हें औऱ कचोट रही है। हवलदार के बुजुर्ग पिता रतन सिंह नेगी और मां परेशान से बैठे थे। हवलदार की पत्नी राजेश्वरी देवी तब से लेकर अब तक हंसी नहीं. बच्चे आंगन को टकटकी लगाए देख रहे हैं कि कब पापा आ जाएं। बच्चे टीवी पर न्यूज चैनल देख रहे हैं कि कब पापा की वापसी की खबर आ जाए पिता की आंखें नम है और बेटे की राह देख रहे हैं।
11वीं गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट में तैनात थे राजेंद्र नेगी
बता दें कि लापता जवान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी गुलमर्म में तैनात थे और अपनी पोस्ट से बर्फ में फिसल गए थे। अंदेशा जताया जा रहा है कि वो फिसल कर पाक जा पहुंचे हैं। जवान 8 जनवरी से 7:15 बजे थोड़ा ऊंचा पैदल मार्ग पर गश्त कर रहा था। नेगी भारतीय सेना की 11 गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट से हैं, जो उन्होंने 2002 में ज्वाइन किया था। वह उत्तराखंड के देहरादून में अम्बिवाला सैनिक कॉलोनी के निवासी हैं।
जवान के तीनों बच्चे केंद्रीय विद्यालय आईएमए में पढ़ाई कर रहे
वहीं सेना ने जानकारी दी है कि 11वीं गढ़वाल राइफल्स के जवान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी आठ जनवरी को पाकिस्तान सीमा पर स्थित अनंतनाग में बर्फ पर फिसलकर लापता हुए। 9 जनवरी को परिवार को इसका पता लगा। इसके बाद से परिवार वाले परेशान हैं। जवान की दो बेटियां और एक बेटा है। तीनों केवि आईएमए में पढ़ाई कर रहे हैं।
हर महीने करीब 25 हजार रुपये इस खाते में परिवार के खर्चे के लिए भेजेगी सेना
राजेश्वरी ने बताया, सेना के अफसरों का हर रोज फोन आता है। उनके साथी भी कई बार फोन कर सांत्वना देते हैं और तलाश के लिए हो रहे प्रयासों के बारे में बताते हैं। हर महीने आर्थिक मदद देने का भरोसा दिया गया है। सेना के कहने पर उन्होंने एसबीआई में खाता खुलवाया। इसकी जानकारी बटालियन को भी दे दी गई। अफसरों ने कहा है कि जवान का पता लगने तक हर महीने करीब 25 हजार रुपये इस खाते में परिवार के खर्चे के लिए भेजे जाएंगे। बड़ा सवाल ये है कि आखिर राज्य सरकार क्यों देवभूमि के लिए खास पीएम मोदी से जवान के बारे मे बात नहीं करती?आखिर क्यों सरकार हवलदार पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं?