हरिद्वार : एक माता-पिता अपनी बेटी को नाजों से पालकर डोली में विदा करते हैं लेकिन कई लड़कियां दहेज के लालचियों की हवस का शिकार हो जाती है और पिता के अरमान तार-तार हो जाते हैं। दहेज प्रथा कई सालों से चली आ रही है। खास तौर पर यूपी-बिहार में भारी भरकम दहेज लिया जाता है लेकिन इसका चलन उत्तराखंड में भी कम नहीं है। इसी दहेज के लिए कई नवविवाहितों की जान ली गई और कई नवविवाहितों ने ससुरालवालों के उत्पीड़न से परेशान होकर आत्म हत्या कर ली। वहीं कई बार बेटी के पिता ने दहेज की मांग से परेशान होकर खुदकुशी की…कई लोगों को दहेज मांगने पर सजा भी हुई। सख्त कानून के बाद भी दहेज प्रथा खत्म होने का नाम नहीं ले रही। एक ऐसा ही मामला रुड़की से भी सामने आया था जिसने एक नवविवाहिता की संदिग्ध मौत हो जाती है। आज भी उसके परिवार वाले इंसाफ मांग रहे हैं।
मृतका के पति को हो चुकी है जेल लेकिन..
जी हां मामला रुड़की के मोहनपुरा गोलभट्टा निवासी श्याम सिंह के परिवार का है जो आज भी अपनी बेटी को याद कर सहम जाता है। श्याम सिंह की बेटी पूजा की ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी जिसके बाद पूजा के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज एक्ट में मुकदमा दर्ज कर पूजा के पति रजत को तो जेल भेज दिया था लेकिन ससुराल में अन्य सदस्य आज भी गिरफ्तार नहीं हो पाए हैं जिससे पीड़ित परिवार में भारी रोष है।
मृतक पूजा के परिजनों ने पुलिस अधिकारियों से ससुराल के अन्य सदस्यों को शीघ्र से शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की है।उधर श्यामपुर पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।