पिथौरागढ़ : शनिवार को देहरादून आईएमए में पासिंग आउट परेड हुई जिसमें देश को 382 युवा अफसर मिले जिन्हें कठिन ट्रेनिंग देकर फौलादी बनाया गया ताकि निडर होकर वो देश की सेवा कर सके. इन 382 सैन्य अफसरों में से 33 उत्तराखंड के जांबाज शामिल हैं जिनमे से एक है सौरभ नगरकोटी.
सौरभ का गांव फौजियों का गांव भी कहलाता है
जी हां आपको बता दें कि सौरक्ष नगरकोटी गांव से पहले ऐसे युवा हैं जो सेना में अफसर बनें. आपको बता दें कि सौरभ अल्मोड़ा के डोटियाल गांव के हैं. वर्ष 2015 में अल्मोड़ा आर्मी पब्लिक स्कूल से 12वीं करने के साथ ही सौरभ का चयन एनडीए के लिए हुआ था।जिसके बाद कठिन ट्रेनिंग के बाद सौरभ गांव के पहले सेना अफसर बने जिससे परिवार को गर्व औऱ फक्र है.
दादा-पिता पूर्व सैनिक, भाई एनडीए में कर रहा ट्रेनिंग
वहीं आपको बता दें कि सौरभ के दादा और पिता नंदन नगरकोटी भी भारतीय सेना का हिस्सा रह चुके हैं. सौरभ का गांव फौजियों का गांव भी कहलाता है. सौरभ के छोटे भाई गौरव का चयन भी वर्ष 2017 में एनडीए के लिए हुआ था। इस समय वह एनडीए खड़गवासला में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
220 से ज्यादा परिवार औऱ 80 से ज्यादा सैनिक और पूर्व सैनिक
सौरभ के गांव में 220 से ज्यादा परिवार हैं औऱ 80 से ज्यादा सैनिक और पूर्व सैनिक हैं। सौरक्ष के गांव में से कई सेना के जवान निकले हैं जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने साहस का परिचय दिया लेकिन इस गांव से अभी तक कोई अधिकारी बनकर देश की सेवा के लिए नहीं चयनित हुआ…औऱ ऐसा कर दिखाया है सौरभ ने. जी हां सौरभ गांव के पहले ऐसे युवा हैं जो कि सेना में अफसर बनकर देश की सेवा करेंगे.