रुद्रपुर : भले ही कोरोना को मात देने के लिए देश के पीएम और राज्य के सीएम लाख दावे कर रहे हैं लेकिन देश और राज्य के अंदर कुछ जिम्मेदार लोग इस महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और कानून की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। कभी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तो कभी डॉक्टर…दोनों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कम है और इसलिए शायद ये लोग अपनी जिम्मेदारी भूल बैठे हैं। बीते दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बिन मास्क पहनने को लेकर चर्चाओं में आए तो वहीं त्रिवेंद्र सरकार ने कई डॉक्टरों को जो कई समय से गैरहाजिर थे, को बर्खास्त किया। वहीं रुद्रपुर से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है जिसे देख आपका मन उल्टी करने को करेगा औऱ गुस्सा आ जाएगा।
डॉक्टर नदारद और अधिकारी बेखबर…ये हालत है उत्तराखंड की
दरअसल रुद्रपुर के ली कैसल होटल में भर्ती काेरोना मरीजों में उस वक्त हंगामा किया जब उनको दिए गए खाने में कॉक्रोच मिला। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमित 7 साल के बच्चे को बुखार होने की शिकायत के बाद भी डाक्टर वहां नहीं पहुंचे। बच्चा रातभर बुखार से तड़पड़ता रहा। वहीं लोगों का गुस्सा प्रशासन और स्वास्थय विभाग पर निकला। हंगामा हुआ। डॉक्टर नदारद और अधिकारी बेखबर…ये हालत है उत्तराखंड की. खाने में कॉक्रोच की खबर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। जिससे साफ पता चलता है कि हमारा सिस्टम कितना गंभीर है कोरोना को लेकर।
एक तो घटिया खाना ऊपर से बेपरवाह-लापरवाह डॉक्टर
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले किच्छा नगर पालिका में 72 कर्मी संक्रमित पाए गए थे। जिन्हें किच्छा रोड स्थित ली कैसल होटल में रखा गया है। गुरुवार को मरीजों के खाने में काक्रोच मिला तो हड़कंप मच गया। मरीजों ने मौके पर जमकर हंगामा किया लेकिन प्रशासन-स्वास्थ्य विभाग मौन रहा। कोई भी अधिाकारी जायजा लेने वहां नहीं पहुंचा जिससे मरीजों का पारा और चढ़ गया।
सात साल का बेटा भी कोरोना संक्रमित, बीमार होने पर नहीं आया डॉक्टर-मां
बताया गया कि शुक्रवार रात को कोरोना संक्रमित 7 साल के बच्चे की तबीयत खराब हो गई। तो बच्चे की मां ने होटल के रिसेप्शन में फोन कर इसकी जानकारी दी लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। बच्चा बुखार से तडपता रहा। मां ने पानी में पट्टी भिगोकर लगाई लेकिन आराम नहीं आया और ना किसी ने खैर खबर ली।रात के 11 बजे तक मां बच्चे को बुखार से तड़पता देखती रही। डॉक्टर आया। लोगों ने प्रशासन औऱ स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर गुस्सा जाहिर किया।
राज्य की चिकित्सा सुविधा की असलियत बयां करती तस्वीर
एक तो घटिया खाना ऊपर से डॉक्टर नदारद…ये तस्वीर राज्य की चिकित्सा सुविधा की असलियत बयां करता है। मरीजों ने बताया कि उन्हें लंच और डिनर में आलू की सब्जी और चावल दिया जा रहा है। जो खाने के लायक नहीं है। तबीयत यहां और बिगड़ रही है। लोगों का कहना है कि इससे बढ़िया तो वो घर में रहकर ही उपचार कराते तो ज्यादा अच्छा था। लोगों ने घटिया खाना देने और असुविधा का आरोप लगाया।
होटल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला का कहना है कि गुरुवार रात को खाना आया। आधी रोटी दाल से खाने के बाद आलू की सब्जी देखी तो उसमें काक्रोच पड़ा था। महिला का कहना है कि उनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं और न ही कोई सुध लेने आ रहा है। महिला का कहना है कि घटिया खाने से स्वास्थ्य और खराब हो रहा है। जिससे साफ जाहिर है कि राज्य में चिकित्सा क्षेत्र की क्या स्थिति है। खास कर डॉक्टर कैसे काम कर रहे हैं।
बच्चे के बीमार होने की नहीं जानकारी-डॉक्टर
इस पूरे मामले पर जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष सयाना का कहना है कि कोरोना मरीजों को ली कैसल होटल में रखा गया है। यह जानकारी विभाग को नहीं दी गई थी। खाने की गुणवत्ता जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। वहीं सीएमओ यूएस नगर डाॅक्टर देवेंद्र सिंह पंचपाल का कहना है कि बच्चे के बीमार होने की जानकारी नहीं है। हां लेकिन दो दिन पहले खाने में काक्रोच मिलने का मामला संज्ञान में आया है। इसकी जानकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर अविनाश खन्ना को दी गई है जो कि इसकी जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।