पौड़ी गढ़वाल : उत्तराखंड में तीन दिन के बाद बीते दिन उत्तराखंड में एक बार फिर से 1400 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए जिससे एक बार फिर सरकार, स्वास्थ्य विभाग और जनता सकते में आ गई। मामले तो ठीक है लेकिन पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में तो गजब का मामला सामने आया है जिससे स्वास्थ्य पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खबर है कि एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उसे कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया जहां व्यक्ति की मौत हो गई। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मामला शनिवार रात का है। घसिया महादेव निवासी 40 वर्षीय शैलेंद्र नेगी का 1 अक्टूबर को सैंपल लिया गया था और 2 अक्टूबर को उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वहीं 2 अक्टूबर को जब वो अपने मेडिकल जांच के लिए अस्पताल गया तो युवक को कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती कर दिया गया जहां शनिवार रात उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और आरोप लगाए।
इस पूरे मामले पर मृतक के भाई का कहना है कि सीने में दर्द होने पर उनका भाई अस्पताल गया था लेकिन उसे कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया औऱ कोरोना का इलाज शुरु कर दिया। उसे कोरोना की दवाइयां दी गई जिससे नशा हुआ। मृतक ने भाई ने बताया कि जब शनिवार रात वो भाई से मिलने गया तो मिलने नहीं दिया गया बल्कि पुलिस को बुलाया गया।
वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि लीवर की बीमारी से युवक के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ा था जिससे उसकी मौत हो गई। प्राचार्य ने किसी भी लापरवाही से साफ इंकार किया है। बड़ा सवाल ये है कि मृतक के कोरोना रिपोर्ट के बारे में क्यों कॉलेज प्राचार्य ने नहीं कहा क्योंकि प्राचार्य ने बिमारी से मौत की बात कही फिर कोरोना वार्ड में क्यों भर्ती किया गया।