देहरादून: उत्तराखंड में 2022 के चुनावी रण में राजनीतिक दल बिसात बिछा चुके हैं। उसी बिसात पर सियासी रण लड़ा जा रहा है। इसमें कौन जीतेगा और किसको हार मिलेगी, यह 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन, इस सीट का राजनीतिक सफर कुछ ऐसा रहा है कि यहां दो बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा को जीत मिली है। इस बार भी भाजपा के मुन्ना सिंह चौहान और कांग्रेस के नवप्रभात के बीच सीधा मुकाबला है। हालांकि, आम आदमी पार्टी की एंट्री से तीसरा फ्रंट भी सामने है, लेकिन लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मानी जा रही है।
विकासनगर सीट पर कुल 1 लाख 7 हज़ार 308 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 55 हज़ार 643 है, जबकि महिला वोटर्स की संख्या 51 हज़ार 659 है। आरक्षित सीट होने के साथ ही यह सीट पहाड़ और मैदान में भी बंटी हुई है। विकासनगर सीट का दायरा हिमाचल की सीमा तक लगा हुआ है। खास बात यह है कि यहां का तमदाता पढ़े-लिखे नेता को चुनने में ज्यादा भरोसा रखता है।
पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को उठाकर देखा जाए तो 2002 और 2012 में कांग्रेस के नवप्रभात 2007 और 2017 में भाजपा के मुन्ना सिंह चौहान और 2009 के उपचुनाव में भाजपा के कुलदीप कुमार इस सीट से इस बार 2022 की बिसात के लिए इस सीट से 10 उम्मीदवारों ने चुनावी ताल ठोकी है। आम आदमी पार्टी, यूकेडी, सपा और निर्दलीय भी चुनावी गणित को रोचक बनाने पर पूरा जोर लगाए हैं। हालांकि, इस बार भी सियासी रण का ये रोचक मुकाबला पहले की तरह ही नजर आ रहा है।