रेलवे के हाल अजीब हैं। प्रवासियों को उनके राज्यों तक छोड़ने के लिए रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रखी हैं। इन ट्रेनों को लेकर लगता है रेलवे गंभीर नहीं है। हालात ये हैं कि ये ट्रेनें रास्ता भटक जा रहीं हैं और कहीं की कहीं पहुंच जा रहीं हैं। इससे श्रमिकों की समस्याएं बढ़ जा रहीं हैं। ऐसा ही एक और वाक्या सामने आया है जिसमें बलिया के निकली ट्रेन नागपुर पहुंच गई।
दरअसल गोवा से यूपी के बलिया के लिए श्रमिकों को लेकर एक ट्रेन चली। श्रमिक स्पेशल इस ट्रेन को 28 घंटे में गोवा से बलिया पहुंचना था। गोवा से बलिया की दूरी दो हजार किलोमीटर से अधिक है। कुछ दूर चलने के बाद इस ट्रेन को रेलवे ने गलत ट्रैक पर भेज दिया। रेलवे के सूत्रों की माने तो ऐसा गलत सिग्नल और ट्रैक पर ट्रैफिक जाम के चलते हुआ। रेलवे की इस गलती का खामियाजा इस ट्रेन में सवार यात्रियों को उठाना पड़ा। जो यात्रा 28 घंटे में पूरी होनी थी उसमें 72 घंटे से अधिक का समय लग गया।
ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगो की माने तो ट्रेन में उन्हे खाने पीने की दिक्कत का सामना करना पड़ा। छोटे बच्चे और महिलाओं को भूखे प्यासे ही लंबा सफर तय करना पड़ा। इस भयानक गर्मी में कई लोगों की तबियत भी बिगड़ गई।
वहीं ऐसा ही एक और मामला इससे पहले भी सामने आ चुका है जब यूपी के गोरखपुर के लिए निकली ट्रेन ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई थी। ये ट्रेन महाराष्ट्र के वसई से गोरखपुर के लिए निकली थी। इस ट्रेन को जिस रूट पर जाना था उस रूट पर खासा ट्रैफिक था। रूट जाम होने की स्थिती में रेलवे ने इस ट्रेन को ओडिशा की ओर डायवर्ट कर दिया। जब यात्री राउरकेला पहुंचे तो हैरान रह गए। बाद में हंगामा हुआ को ट्रेन को वापस गोरखपुर के लिए रवाना किया गया।