जोशीमठ – मौसम ने देर से करवट ली लेकिन बर्फ की ख्वाहिश रखने वालों की मन की मुराद पूरी हो गई। दरअसल अक्टूबर से राज्य के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का शिद्दत से इंतजार किया जा रहा था। बर्फ जब जमी पर उतरी तो पहाडियों की आगोश में चादर बिछ सी गई। हालांकि इस बर्फ से सैलानियों और पर्यटन कारोबारियों के मायूस चेहरों पर मुस्कराहट बिखरी लेकिन बर्फीले इलाकों में बर्फ का मजा लेने के वास्ते पहुंचने के लिए सफर भी मुश्किल हो गया। जोशीमठ से औली जाने वाले रास्ते पर बर्फ के ऊपर बिछी पाले की मोटी परत वाहनों के लिए रिस्की रोड़ बन गई है और जरा सी चूक से वाहन फिसल रहे हैं। फिर भी सैलानी रिस्क लेकर हजारों की ताददा में औली पहुंच रहे हैं । बावजूद इसके पर्यटन प्रदेश की लालसा रखे राज्य में सैलानियों की हिफाजत की चिंता नहीं की जा रही है। प्रशासन रास्ते में जमी बर्फ और पाले की परत को हटाने के लिए सूर्य देवता का इंतजार कर रहा है।