देहरादून : गरीबों का राशन डकारने वालों की अब खैर नहीं है। बता दें कि उत्तराखंड के खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने खाद्य विभाग में ऐसा निर्णय लिया है जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. वहीं रेखा आर्य का यह निर्णय जिस दिन धरातल पर उतरेगा उस दिन निश्चित रूप से गरीबों को उनका हक मिलेगा।
उत्तराखंड में जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर हैं लेकिन उनके बीपीएल राशन कार्ड बने हुए हैं,उनकी अब खैर नहीं है. खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने ऐसे अपात्र बीपीएल कार्ड धारकों को सख्त चेतावनी दी है जो आते तो गरीबी रेखा से ऊपर हैं लेकिन उनके बीपीएल कार्ड बने हुए हैं। 31 मई तक यदि ऐसे अपात्र लोगों ने बीपीएल राशन कार्ड सरेंडर नहीं किया तो उनके खिलाफ खाद्य अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगीृ। साथ ही राशन की रिकवरी भी की जाएगी।
खाद्य मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं और अगर वह बीपीएल राशन कार्ड पर राशन ले रहे हैं या अन्य सुविधाएं ले रहे हैं तो उससे उन गरीब परिवारों के हक पर असर पड़ रहा है जो वास्तव में बीपीएल राशन कार्ड की परिधि में आते हैं। इसलिए ऐसे अपात्र लोगों को हटाकर पात्र लोगों के बीपीएल कार्ड बनाए जाएंगे। खाद्य मंत्री रेखा आर्य की मानें तो अभी तक प्रदेश भर में 2000 से ज्यादा अपात्र लोगों ने अपने बीपीएल के राशन कार्ड सरेंडर कर दिए।
करें शिकायत, गुप्त रखी जाएगी आपकी पहचान
खाद्य मंत्री रेखा आर्य के इस निर्णय से आपात्र राशन कार्ड धारकों में हड़कंप मचा हुआ है, और वह अपने राशन कार्ड सरेंडर भी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ यदि अगर कोई अपात्र व्यक्ति अपना राशन कार्ड सरेंडर नहीं करवाता है,तो ऐसे लोगों के खिलाफ खाद्य विभाग के द्वारा एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है, 1967 नंबर पर आप यदि अगर किसी अपात्र व्यक्ति का राशन कार्ड कटवाना चाहते हैं तो उस पर शिकायत कर सकते हैं। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
खबर उत्तराखंड के संवाददाता ने जब खाद्य मंत्री रेखा आर्य से टोल फ्री नंबर पर दर्ज होने वाली शिकायतों और उनके गुप्त रखने के बारे में जानकारी मांगी तो खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने हमारे संवाददाता के फोन से खुद पत्रकार बनकर टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करने के साथ ही शिकायतों का ब्यौरा भी मांगा।
अपात्र राशन कार्ड धारकों पर प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद राशन डीलरों के पास भी बड़ी तादाद में लोग बीपीएल का राशन कार्ड सरेंडर करने पहुंच रहे हैं लेकिन राशन डीलर उन्हें सीधे जिला खाद्य आपूर्ति विभाग में राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए भेज रहे हैं।