बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में उप निरीक्षक और निरीक्षक संवर्ग में तैनाती अवधि को मैदानी क्षेत्र से 50% कम किया जाएगा। जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में सभी को तैनाती का मौका मिलेगा। रितेश झा ने कहा कि 2 साल के भीतर पुलिस महकमे में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। सरकार ने बॉर्डर एरिया (सीमांत क्षेत्रों) में पुलिस की मोबिलिटी बढ़ाने और राजस्व पुलिस का दायरा कम करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का फैसला लिया है। सचिव झा ने बताया कि कमेटी में पूर्व मुख्य सचिव इंदू कुमार पांडे और पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी को शामिल किया है। जल्द कमेटी गठन के आदेश होंगे। यह कमेटी सीमांत क्षेत्रों में पुलिस मोबिलिटी की उपलब्धता और राजस्व पुलिस की जरूरत को लेकर अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट देगी।
बैठक में निम्न बिन्दुओं पर सैद्धान्तिक सहमति व्यक्त की गयी
1. पुलिस की mobility में गुणात्मक परिवर्तन किया जाएगा, जिससे किसी भी घटना में पुलिस का रिसपाॅन्स टाईम बेहतर हो।
2. सिटी पेट्रोल एवं हाइवे पेट्रोल कार की संख्या में 100 स्कोर्पियो वाहनों की वृद्धि की जाएगी।
3. पीएसी के वाहन, जो जर्जर हालत में हैं, उन्हें हटाकर नए वाहन लिए जाएंगे। वाहनों को पहाड़ों के अनुरूप संशोधित कर उन्हें स्मार्ट लुक दिया जाएगा।
4. स्मार्ट यूनिफाॅर्म की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। पीएसी की combat यूनिफार्म पर भी कार्य होगा।
5. ई-बीट बुक सिस्टम लागू किया जाएगा।
6. ट्रैफिक आई एप को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे सड़क पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना आम जन पुलिस को दे सके। ट्रैफिक आई एप की तर्ज पर एक पब्लिक आई एप बनाया जाएगा, जिससे लोग किसी भी अपराध, ड्रग्स आदि से सम्बन्धित कोई भी सूचना पुलिस तक पहुंचा सकें।
7. सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने वालों के लिए पुरस्कार योजना बनायी जाएगी, जिसमें पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा 01 लाख तक का इनाम दिया जाएगा।
8. Tourist Police के नए स्वरूप, infrastructure, प्रशिक्षण पर कार्य कर उसे और अधिक स्मार्ट और जन उपयोगी बनाया जाएगा।
9. पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड की ओर से पुलिस कर्मियों के लिए पुरस्कार राशि को 20 हजार से बढ़ाकर 01 लाख किया जाएगा।
10. पुलिस मुख्यालय के नए भवन की स्थापना की जाएगी।
11. सिटी पुलिस को शाॅर्ट रेंज वैपन्स दिये जाएंगे। पीएसी एवं आम्र्ड पुलिस में लाॅन्ग रेंज वैपन्स में इनसास को लाने का प्रयास किया जाएगा।
12. फायर सर्विस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व शुरू किया जाएगा।
13. थाने के रिकार्डस का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा।
14. e-summons को रेगुलर प्रेक्टिस में लाया जाएगा।
15. थाने, चौकी, आईआरबी तृतीय, नए फायर स्टेशन के निर्माण के लिए भी अधिकतम बजट उपलब्ध कराएंगे।
16. कांस्टेबल एवं उपनिरीक्षक की भर्ती एवं पदोन्नति की रूकावटों का जल्द समाप्त किया जाएगा।
सचिव गृक्ष नितेश कुमार झा ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट पुलिस बनाने में शासन पुलिस मुख्यालय के साथ है और हम इस ओर पूरा सहयोग करेंगे।
बैठक में अतर सिंह, अपर सचिव गृह, उत्तराखण्ड शासन, पीवेके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, सीबीसीआईडी/पीएसी, अभिनव कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक, संचार, वी. मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, पी/एम, संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, कुम्भ, एपी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पुष्पक ज्योति, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।