नई दिल्ली: दुनिया कोरोना की चपेट में है। प्रत्येक दिन हजारों लोगों की जानें जा रही हैं। आलम यह है कि एक वक्त ऐसा भी आया कि जब अपनों का अंतिम संस्कार करने से भी लोग डर रहे थे। बीमारी में कोई अपनों के साथ भी नहीं रह पा रहा है। ऐसे में कोरोना वॉरियर्स कोरोना मरीजों की सेवा में दिन-रात जुटे हैं। कोरोना मरीजों का मौत के बाद अंतिम संस्कार करने वाले भी किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं। ऐसे ही एक शख्स थे दिल्ली के आरिफ खान, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी मौत भी कोरोना से ही हुई।
200 का दाह संस्कार
NBT की रिपोर्ट के अनुसार आरिफ खान कोरोना से होने वाली मौत के बाद उनका दाह संस्कार करते थे। आरिफ मार्च से अब तक लगभग 200 लाशों का दाह संस्कार कर चुके थे, लेकिन उनकी मौत भी कोरोना से हो गई। कोरोना वॉरियर आरिफ खान शहीद भगत सिंह सेवादल के साथ ड्राइवर के रूप में जुड़े थे। कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने और मरीजों की मौत होने पर शव की सेवा करने वाले आरिफ खान कोरोना संक्रमित हो गए। शनिवार को दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
भगत सिंह सेवा दल
आरिफ खान फ्री एंबुलेंस सेवा देने वाले शहीद भगत सिंह सेवा दल के साथ काम करते थे, यह सेवा दल दिल्ली-एनसीआर में फ्री आपातकालीन सेवाएं देता है। जब किसी कोरोना मरीज की मौत हो जाती थी, और उसके परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होते थे, तो आरिफ खान पैसे देकर भी उनकी मदद करते थे।
488 मरीजों को निशुल्क सेवा
शहीद भगत सिंह सेवादल अब तक 488 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की लाशों को निशुल्क सेवा दी गयी है। 623 कोरोना पॉजिटिव मरीज एबुलेंस की सेवा ले चुके हैं। सेवा दल की ओर से बताया गया कि 90 ऐसी लाशों का भी संस्कार किया गया, जिनके घर वाले घर पर क्वॉरन्टीन थे।