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DG-डॉक्टर और समाज सेवक को ‘जीरो’ बनाकर खुद हीरो बने ये 2 दारोगा, जानिए पूरी सच्चाई

Reporter Khabar Uttarakhand
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Breaking uttarakhand newsदेहरादून : तीन लोगों की पहल और मेहनत का क्रेडिट दो दारोगा ऐसा ले गए कि सब सोशल मीडिया पर उन्हीं की वाहवाही करने लगे हैं जबकि सच्चाई कुछ और है. इस पहल को सफल बनाने में डीजी, एक डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता शशि भूषण का हाथ है लेकिन इसे हड़प ले गए दो पुलिसकर्मियों, जो की पहले मदद करने से इंकार कर चुके थे लेकिन जब ऊपर से डीजी का दबाव आया तब जाकर हाथ आगे बढ़ाए और हाथ ऐसे आगे बढ़ाए कि सारा क्रेडिट खुद ले गए और सबको ठेंगा दिखा गए. वहीं सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं जिससे अब दोनों दारोगा सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हो रहे हैं. आईये जानते हैं क्या है पूरा माजरा-

डॉक्टर ने समाज सेवक को दी महिला की जानकारी

दरअसल हुआ यूं कि बीते 10 दिसम्बर की रात करीब 9:15 बजे सामाजिक कार्यकर्ता शशि भूषण मैठाणी पारस नई बस्ती में जरूरतमंद गरीब लोगों को गरम कपड़े बांटकर घर लौटे रहे थे तभी उन्हे चिकित्सक डॉ. मुनिन्द्र रावत ने फोन कर सूचना दी कि ई. सी. रोड़ स्थित द्वारिका स्टोर चौक पर एक महिला खुले आसमान के नीचे भयंकर ठंड में कंपकपा रही है।

पुलिस ने नहीं की मदद, फिर डीजी को सामाजिक कार्यकर्ता ने इसकी सूचना

Breaking uttarakhand newsचिकित्सक डॉ. मुनिन्द्र रावत ने सामाजिक कार्यकर्ता शशि भूषण मैठाणी को बताया कि इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को भी दी थी लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की और पल्ला झाड़ लिया जिसके बाद डॉक्टर ने इसकी सूचना मुझे (शशि भूषण मैठाणी) दी और उन्होंने तुरन्त इसकी जानकारी और कुछ फोटोज DG अशोक कुमार को भेजी।

पूरा क्रेडिट ले गए दो दारोगा

वहीं डीजी अशोक कुमार ने भी बेहद सक्रियता दिखाते हुए चंद घंटों में ही महिला को मदद पुलिस की मदद से चिकित्सीय परीक्षण के बाद सुरक्षित नारी निकेतन में भिजवा दिया है। बस फिर क्या था इसका पूरा क्रेडिट ले गए दो दारोगा (चौकी प्रभारी आराघर राजेश असवाल व वरिष्ठ उपनिरीक्षक पंकज देवरानी). उत्तराखंड पुलिस ने सारा क्रेडिट दारोगाओं को दिया जो कि पहले हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। इनके मातहत पुलिसकर्मी महिला की मदद करने के बजाए डाक्टर मुनिन्द्र और शशिभूषण से कहते रहे कि आप खुद इन्हें ले जाओ…लेकिन जब ऊपर से डीजी का ऑर्डर आया तब हरकत में आए और बकायदा महिला का मेडिकल कराकर महिला को नारी निकेतन भिजवाया औऱ साथ ही सारा क्रेडिट ले गए.

उत्तराखंड पुलिस ने श्रेय दिया दारोगा को जबकि सच्चाई है ये– 

Breaking uttarakhand newsउत्तराखंड पुलिस के पेज जाकर आप देख सकते हैं कि कैसे पुलिस विभाग द्वारा भी तीन लोगों की मेहनत और मानवता भरे काम का श्रेय दो दारोगा ले गए. पुलिस ने अपने फेसबुक पोस्ट पर उनके नाम का जिक्र तक नहीं किया जिन्होंने भरी रात की ठंड में महिला की मदद की और तत्परता दिखाई. जिन पुलिसवालों ने डॉक्टर की सूचना पर कार्यवाही तो छोड़िए ध्यान तक नहीं दिया और अपना पल्ला झाड़ लिया वो पुलिस अधिकारी डीजी के बोलने पर मौके पर गए और उसका सारा क्रेडिट खुद ले गए जो की सरासर गलत है.

सामाजिक कार्यकर्ता ने जताई आपत्ति

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता शशि भूषण ने उत्तराखंड पुलिस के इस पोस्ट पर आपत्ति जताई है औऱ इस पहल में डीजी को श्रेय न देने पर नाराजगी जाहिर की है.

 

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