देहरादून : पुलिस लाइन में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने झंडा फहराया। तो वहीं आज डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने उत्कृष्ट काम करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जिसमे चौकी प्रभारी प्रमोद पेटवाल समेत ऋषिकेश कोतवाली के कोतवाल रितेश शाह और कांस्टेबल मनीष पंत भी शामिल थे. कोरोना काल में हीरे और मेडिसिन मैन बने मनीष पंत किसी तारीफ के मोहताज नहीं हैं। उनकी कर्तव्यनिष्ठा, मेहनत और ईमानदारी का लोहा पूरे उत्तराखंड पुलिस विभाग समेत बॉलीवुड तक ने माना। बॉलीवुड के कई सितारों ने वीडियो जारी उत्तराखंड पुलिस के सिपाही मनीष पंत की तारीफ की। वहीं आज अरुण मोहन जोशी ने मनीष पंत को सम्मानित की और जमकर सराहा।
देहरादून में फायर विभाग में तैनात मनीष पंत लॉकडाउन में बने मसीहा
बता दें कि देहरादून में फायर विभाग में तैनात मनीष पंत लॉकडाउन के दौरान खासा चर्चाओं में आए थे। तब उन्होंने अपने प्रयासों से अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली व दून में रहने वाले सौ लोगों तक इमरजेंसी में दवा पहुंचाई थी। जिसके बाद विभाग के लोगों ने उन्हें मेडिसिन मैन के नाम दे दिया। वहीं हमारे संवाददाता ने मेडिसिन मैन मनीष पंत से बात की तो मनीष पंत ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में बीमार औऱ जरुरतमंद लोगों की मदद करने के लिए अपनी एलआईसी से लेकर कई किस्तों को रोका ताकि लोगों की इमरजेंसी की जरुरतों को पूरा कर सकें। उन्होंने कोरोना काल में अपनी शादी को टालते हुए लोगों की मदद की। वो उत्तराखंड के मेडिसिन मैन साबित हुए।
मनीष पंत कई लोगों के लिए भगवान श्री हनुमान जी हुए साबित
बता दें कि जहां जहां जिनको दवाइयों की जरुरत थी मनीष पंत भगवान श्री हनुमान जी से कम साबित नहीं हुए. जैसे श्री राम के भाई लक्ष्मण के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी लाए थे वैसे ही मनीष पंत ने बीमार और जरुरत मंद लोगों को 88 हजार की कीमत की दवाइयां लोगों को भिजवाई और कई लोगों की जिंदगियां बचाई। इसमे किसी से उन्होंने मदद नहीं मांग बल्कि अपने निजी खर्च से लोगों की मदद की।