हरिद्वार : केंद्र की मोदी सरकार और खुद पीएम मोदी कोरोना काल में बार बार लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। पीएम मोदी का कहना है कि अगर कोरोना को हराना है तो दो गज की दूरी जरुरी है। लेकिन उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के कार्यक्रम में भी अगर दो गज दूरी के नियमों को अनदेखा किया जाए तो क्या कहा जाए। दरअसल आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है ,जिसमे भगवान श्री राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल भेजा जा रहा है, विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या गंगाजल और उत्तराखंड के सिद्ध पीठों की मिट्टी भेजने का फैसला लिया है आज हरिद्वार हर की पौड़ी पर गंगा मैया की विशेष पूजा अर्चना कर गंगाजल कलश में भरा गया, साथ ही एक कलश में गंगा की रेत भरी गयी। जिसे विश्व हिंदू परिषद अयोध्या पहुचाएगी। इस मौके पर आयोजित की गई विशेष पूजा अर्चना में उत्तराखंड की महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी पहुंची। लेकिन अधिकारियों ने राज्यपाल की मौजूदगी का भी ख्याल नहीं रखा। राज्यपाल की मौजूदगी वाले कार्यक्रमों में बेहद सख्ती के साथ नियमों का पालन होना चाहिए था। राज्यपाल के करीब लोगों को जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन सुरक्षा अधिकारियों और प्रोटोकॉल अधिकारी ने इन नियमों का पालन नहीं किया लिहाजा हरिद्वार में आयोजित इस कार्यक्रम में कोरोना के लिहाज से दो गज की दूरी का नियम तार तार हो गया।
कार्यक्रम में अन्य लोग भी बेहद पास पास या यूं कहिए कि चिपके खड़े हुए दिखाई दिए। गंगा घाटों पर भीड़ लगी रही। जबकि कोरोना से बचाव के लिए इस पूरे इलाके में आमजनों के आने जाने पर रोक लगी हुई है। पुलिस यहां आने वालों का चालान काट रही है। फिर हरिद्वार में कोरोना बेहद तेजी से फैल रहा है। ऐसे में राज्यपाल के कार्यक्रम में इतनी बड़ी लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए।