कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी है जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं निकल पाया है। पूरे भारत में यह बीमारी बड़ी तेजी से फैलती जा रही है। वह धर्मनगरी हरिद्वार आस्था का वह केंद्र है जहां से दूर-दूर से भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं। इसी सहारे कई हज़ार भिखारी अपने दो वक्त की रोटी तलाशने के लिए पूरे भारत से भारी संख्या में हरिद्वार के हर की पौड़ी क्षेत्र में लगातार बने रहते हैं। लॉक डाउन के बाद भूखे भिखारियों के आँखों में आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहें है ।उनको ये नहीं पता अचानक ये क्या संकट आन पड़ा है।
हरिद्वार के हर की पौड़ी सहित बस स्टैंड ,रेलवे स्टेशन और अर्ध कुम्भ में कई नए गंगा घाटों पर लगातार हज़ारो भिखारियों का जमावड़ा रहता है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते जिस तरह से 21 दिन का लॉक डाउन किया गया है। उसका सीधा असर इन विकारों पर भी देखने को मिल रहा है जो स्थानीय लोग हैं वह तो अपने घरों में कैद हो गए. श्रद्धालु मंदिरों के आसपास से गायब हो गए ,मंदिर बंद हो गए हे ,हर की पौड़ी सहित धर्मनगरी के तमाम घाट सूने पड़े हैं ,ऐसे में ये भिखारी घाटों से निकलकर अब हरिद्वार की मुख्य रोड पर आकर अपना डेरा जमा कर बैठ गए हैं उनको तलाश है तो सिर्फ इतनी कि उन्हें दो वक्त का भोजन मिल जाए जब मौके पर हम पहुंचे तो हमने देखा कि कुछ समाज के लोग अपने घरों से खाना बनाकर उनको खिला रहे थे लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिनका रो रो कर बुरा हाल था उनको समझ में नहीं आ रहा कि उनका अब क्या होगा,भगवान भरोसे लोग टकटकी लगाए ऐसे सामाजिक लोगों को और संतो को देख रहे थे जो धर्मनगरी में कुम्भ के नाम पर करोड़ो सरकार से डकार जाते है जब हमने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक उत्तराखंड सरकार से जाना तो देखिये उन्होंने क्या कहा।
इस दौरान हमने हरिद्वार जिलाधिकारी महोदय से भी जाना की लॉक डाउन कर दिया गया है। लोग अपने घरों में कैद भी हो गए हैं लेकिन कई पर्यटक ऐसे हैं जो आज भी हरिद्वार की गलियों में फंसे हुए है। उनको सिर्फ चाहिए तो दो वक्त का भोजन, भगवान भरोसे यह लोग सिर्फ आपके सहारे हैं।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि हमने पूरी तैयारी कर रखी है आज हमने 2500 लोगों को चिन्हित कर उनको भोजन खिलाया है इसके साथ जो पर्यटक हैं उनको भी भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
आपको बता दें धर्मनगरी हरिद्वार आस्था का वह केंद्र है जहां हरि यानि विष्णु भगवान के सहारे ही लोग अपना जीवन गुजार देते हैं लेकिन अब हरिद्वार में हरी के ही मंदिर बंद कर दिए गए हैं तो हरि के ये भक्त अब सरकार के सहारे ही अपना जीवन गुजारने को मजबूर है ,देखने वाली बात यह होगी कि भोजन के साथ साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से इन लोगों को प्रशासन ,सरकार किस तरह से बचाती हुई नजर आएगी।