रुड़की(अरशद हुसैन)- शहर की नामचीन संस्थान आईआईटी ने एक ऐसे अणु की खोज कर ली है जो कि चिकनगुनिया वायरस के खिलाफ एंटीवायरस से लड़ने की क्षमता रखता है। इस एंटीवायरल गतिविधि से चिकनगुनिया के वायरस में लगभग 99 प्रतिशत की कमी होती है।
आपको बता दें कि आईआईटी रुड़की ने चिकनगुनिया जैसी बीमारी का भी इलाज निकल लिया है। वर्तमान में बढ़ते चिकनगुनिया रोगियों के लिए बाजारों में दवाई व टीके पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। जिसके चलते कई समय से रिसर्च कर रहे बायोटेक्नोलॉजी विभाग में प्रोफेसरो ने अनुसंधान दल ने चिकनगुनिया विरोधी अणुओं की पहचान करने के लिए चिकनगुनिया वायरस विशेषतः एनएसपी प्रोटीस की संरचना-आधारित अध्ययनों का उपयोग किया ताकि अणुओं की पहचान की जा सके जो कि प्रोटीस अवरोधक के साथ ही साथ एंटीवायरल गतिविधि भी प्रदर्शित करते हैं ।
एनएसपी 2 प्रोटीस एक सख्त वायरल एंजाइम है
इस शोध के महत्व के बारे में बताते हुए प्रोफ़ेसोर शैली तोमर ने कहा कि “एनएसपी 2 प्रोटीस एक सख्त वायरल एंजाइम है। इसका मतलब है कि यह मनुष्यों में अनुपस्थित है, और इस प्रकार, यह चिकनगुनिया वायरस के लिए एक उत्कृष्ट एंटीवायरल दवा है।
उन्होने कहा कि हमारे शोध समूह ने जैव रासायनिक और संरचना-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए एनएसपी 2 को लक्षित किया है. हमने एक अणु की पहचान की है जिसमें न केवल एंटी एनएसपी 2 गतिविधि मौजूद है बल्कि यह कोशिका आधारित परख में चिकनगुनिया के वायरस को भी प्रभावी ढंग से मारता है।