Big News : स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे बोले- रमेश भट्ट ने पिताजी का गाना अजर-अमर कर दिया - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे बोले- रमेश भट्ट ने पिताजी का गाना अजर-अमर कर दिया

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : इन दिनों सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. रमेश भट्ट ने एक पुराने गीत को इस तरह से अपनी आवाज में पेश किया कि हर कोई उनका फैन बन गया है. वहीं रमेश भट्ट के गाने से इस गीत के असली रचियता स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे भी बेहद खुश हैं और उन्होंने कहा कि रमेश भट्ट ने उनके पिताजी का गाना अजर-अमर कर दिया.

जो काम मेरे पिताजी के जीवित रहते नहीं कर पाए वो रमेश भट्ट ने किया- रमेश बाबू

जी हां आपको बता दें कि सीएम के मीडिया सलाहकार द्वारा गाया गया गीत जय जय हो देवभूमि गीत स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी द्वारा रचित गीत है जिसका ट्रेलर रमेश भट्ट ने अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया है. जय जय हो देवभूमि के ट्रेलर के लॉन्च होने के बाद स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे रमेश बाबू गोस्वामी बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि जो काम मेरे पिताजी के जीवित रहते नहीं हो पाया उसको मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार और गायक रमेश भट्ट ने पूरा किया है। ये एक अधूरे सपने के पूरा होने जैसा है। ये आज के दौर में ही संभव था कि गीत का फिल्मांकन इस रूप में किया जाए।

उसका सजीव चित्रण रमेश भट्ट कर पाए हैं-रमेश बाबू गोस्वामी

स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे रमेश बाबू गोस्वामी ने कहा कि गीत में जिस तरह का वर्णन मेरे पिताजी स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने किया था, उसका सजीव चित्रण रमेश भट्ट कर पाए हैं। मेरे पिताजी का यह गीत 80 के दशक में बेहद हिट हुआ था लेकिन तब पहाड़ी गीतों के वीडियो बनाने बेहद मुश्किल थे। आज के तकनीकी युग में इसको साकार कर दिखाया रमेश भट्ट जी ने।

जो मेरे पिताजी के वक्त पर संभव नहीं था- रमेश बाबू

रमेश बाबू ने कहा कि मुझको बेहद खुशी है कि रमेश भट्ट ने इस गीत को मूल रूप से गाया और मूल रूप से उसका चित्रांकन किया। आज यह गीत उत्तराखंड दर्शन के रूप में देखा जा रहा है, जो कि पिताजी के वक्त पर संभव नहीं था। जय जय हो देवभूमि गाकर और इसका फिल्मांकन कर रमेश भट्ट जी ने एक नया आयाम स्थापित किया है। नए दौर के गायकों में यह शिष्टाचार कतई नहीं है कि मूल रूप से गीत को रचने वाले रचनाकार की तरफ से भी अनुमति ली जाए।

मेरे पिता का ये गीत अजर-अमर हो गया

वहीं रमेश बाबू गोस्वामी ने कहा कि मैं रमेेश भट्ट का आभार व्यक्त करता जो कि उन्होंने इस गीत के लिए मेरी माताजी से अनुमति ली और खुद मुझसे बातचीत की। उन्होंने कहा कि मैं अभिभूत हूं कि मेरे पिता का यह गीत अब और ज्यादा अजर-अमर होगा। अब इस गीत से हमारी देवभूमि उत्तराखंड का भी भला होगा। यहां धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन बढ़ेगा। इस गीत का जो फिल्मांकन आज के दौर में हुआ है उससे उत्तराखंड विश्व पटल पर और ज्यादा प्रबल तरीके से उभरेगा। मेरी शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई है हर उत्तराखंडी को। हर उत्तराखंडी को यह गीत शेयर करना चाहिए। जय जय हो देवभूमि।

ये देखें गीत–

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