यूपी के एक दारोगा को दाढ़ी बढ़ानी महंगी पड़ गई। दारोगा को एसपी ने सस्पेंड कर दिया और पुलिस लाइंस भेज दिया। मिली जानकारी के अनुसार दारोगा इंसार अली को तीन बार दाढ़ी कटाने के लिए चेतावनी दी गई थी और दाढ़ी बढ़ाने को लेकर अनुमति लेने के लिए कहा गया था लेकिन वो नहीं माना और इसी के चलते उस पर कार्रवाई की गई है। वहीं इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में रोष है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सीएम से लेकर पीएम मोदी तक से एसपी पर कार्रवाई करने की मांग की है। कहना है कि वर्दी में जब सिक्खों को दाढ़ी रखने की इजाजत है तो मुस्लिमों को क्यों नहीं है?
अनुमति के बगैर दाढ़ी रखने पर दारोगा निलंबित
मामला बागपत के रमाला थाने का है जहां थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर इंसार अली को एसपी ने अभिषेक सिंह ने अनुमति के बगैर दाढ़ी रखने पर निलंबित कर दिया है. बागपत एसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि संब इंस्पेक्टर इंसार अली को तीन बार दाढ़ी काटने की चेतावनी दी गई थी लेकिन वो नहीं माने. बालों को रंगा दिया। आदेश का पालन न करने पर दारोगा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.
सिर्फ सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति-एसपी
एसपी अभिषेक सिंह का कहनी है कि पुलिस मैनुअल के अनुसार, सिर्फ सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति है, जबकि अन्य सभी पुलिसकर्मियों को चेहरे साफ-सुथरा रखना आवश्यक है. कहा कि अगर कोई पुलिसकर्मी दाढ़ी रखना चाहता है, तो उसे उसकी अनुमति लेनी होगी। इंसार अली से बार-बार अनुमति लेने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया और बिना अनुमति के दाढ़ी रख ली।
वहीं इस मामले पर दारोगा इंसार अली ने मीडिया से कहा कि उन्होंने दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
ये है नियम
पुलिस ड्रेस कोड के अनुसार केवल सिख समुदाय के लोगों को छोड़कर कोई भी पुलिसकर्मी बिना अनुमति के दाढ़ी नहीं रख सकता। यह नियम को छोड़कर हर एक धर्म पर हर एक समुदाय पर समान रूप से लागू होता है।