दिल और दिमाग में कुछ पाने की लग्न और जिद्द हो तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। कहते हैं किसमत कभी भी पलट सकती है। आज इंसान गरीब है तो मेहनत लग्न से क्या पता कब उसकी किस्मत पलट जाए। जी हां ऐसा ही कुछ हुआ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के निवासी प्रवीण कुमार के साथ. नौकरी करने दिल्ली गए विधायक प्रवीण कुमार ने आप आदमी पार्टी से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है जिससे मध्यप्रदेश के भोपाल में खुशी का माहौल है।
2015 भाजपा उम्मीदवार को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था
बता दें कि भोपाल की बेहद तंगहाल जिंदगी को छोड़कर दिल्ली आकर रहने वाले प्रवीण की किसमत ऐसी बदली की पीछे मुड़कर नहीं देखा। आपको बता दें कि प्रवीण देशमुख ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ा और दूसरी बार जीत हासिल की। प्रवीण इससे पहले दिल्ली में जंगपुरा सीट में 2015 में भी जीत का परचम लहरा चुके हैं। प्रवीण ने भाजपा उम्मीदवार मनिंदर सिंह धीर को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था औऱ इस बार प्रवीण ने अपने प्रतिद्व्ंदी को 16 हजार 63 वोटों से हराया।
विधायक के पिता की है पंचर की दुकान
उस पिता के लिए ये कितना खुशनुमा पल होगा जिसमे बेहद कठिन परिस्थितियों में बच्चों घर परिवार को पाला और बच्चों को इस काबिल बनाया कि आज पूरा देश उनके बेटे को जान रहा है और उसकी वाहवाही कर रहा है। जी हां बता दें कि विधाय प्रवीण के पिता पीएन देशमुख राजधानी भोपाल के अयोध्या बाईपास के पास प्रकाश नगर के रहने वाले हैं और आज भी पुल बोगदा मंदिर के पास टायर पंचर की दुकान चलाते हैं। ये काम वो कई सालों से कर रहे हैं लेकिन इस काम को उन्होंने कभी बच्चों पर हावी नहीं होने दिया।
दूसरी बार बने हैं विधायक, एमबीए कर चुके हैं प्रवीण
बता दें किविधाय प्रवीण दिल्ली में वर्तमान में आप के उपाध्यक्ष भी हैं और पूर्व में शिक्षा मंत्री सिसोदिया के ओएसडी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। साथ ही वह अन्ना आंदोलन का भी हिस्सा रहे हैं। विधायक प्रवीण की पढ़ाई लिखाई भोपाल से ही हुई है। उन्होंने एमबीए कर नौकरी के लिए दिल्ली का रुख किया। 2011 में अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की।