देहरादून, संवाददाता- नोटबंदी के फैसले से सिर्फ मजदूर, किसान, बीमार और निजी क्षेत्र में काम करने वाले मंझोले दर्जे के मुलाजिम ही परेशान नहीं हुए बल्कि दृष्टिहीनों के लिए तो नोटबंदी अब तक बड़ी दिक्कत बनी हुई है। दरअसल रिजर्व बैंक ने जो नए 2000 और 500 रूपए के नोट जारी किए हैं वो दृष्टिहीनों को 10 रूपए से महसूस हो रहे हैं। हालांकि नेत्रहीनों की इस दिक्कत को देखते हुए राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) ने करेंसी आइडेंटिफायर डिवाइस तैयार की है। जिसकी मदद से नेत्रहीन आसानी से नोट को पहचान सकेंगे। डिवाइस पुराने नोटों की पहचान भी कर लेगी। हालांकि अभी डिवाइस का व्यवसायिक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है लेकिन जल्द ही सस्ते दाम की डिवाइस का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। इसकी जानकारी एनआईवीएच की निदेशक डॉ. अनुराधा ने दी। निदेशक ने बताया कि डिवाइस पर नोट के साइज के हिसाब से बता देगी कि नोट कितने रुपए का है।