टिहरी,(हर्षमणि उनियाल)- उत्तराखंड जब वजूद में नहीं था तब टिहरी जिले मे चंबा विकास खंड को मसूरी से जोड़ने वाले इलाके में उत्तरप्रदेश सरकार ने फलपट्टी विकसित की। इसके पीछे मकसद था कि पहाड़ के काश्तकार फल उत्पादक बन कर रोजी-रोटी कमांए।
उस दौर में चंबा-मसूरी रोड़ से सटी जमीन पर चार सौ से ज्यादा काश्तकारों को फल उत्पादन के लिए जमीन लीज पर दी गई। अलग राज्य बनने के बाद फलपट्टी पर काबिज किसानों ने भूमिधरी का अधिकार मांगा। पिछले सोलह सालों से ये मांग लटकी पड़ी है।
बहरहाल टिहरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक धन सिंह नेगी की माने तो जल्द ही लीज पर विकसित चंबा-मसूरी फलपट्टी पर काबिज काश्तकारों मालिक बन जांएगे। नेगी ने कहा है कि सरकार ने किसानो को फलपट्टी का मालिक मान लिया है और जल्द ही जिलाधिकारी जरूरी सभी औपचारिकताऔं को पूरा कर देंगे।
विधायक नेगी की बातों पर यकीन किया जाए तो तय है कि फलपट्टी के काश्तकार मालिक बन जाएंगे। वही विधायक ने कहा कि मलिकाना हक मिलने के बाद चंबा-मसूरी फलपटटी में ईको टूरिज्म को बढावा दिया जाएगा। इसके लिए वन विभाग को जरूरी निर्देश दे दिये है।