देहरादून : फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में धांधली से उत्तराखंड सरकार समेत वन मंत्री हरक सिंह रावत पर कइयों ने धावा बोल दिया है। एनएसयूआई समेत युवाओं में धांधली से रोष है और वो सड़़कों पर उतर आए हैं औऱ इतना ही नहीं वो गैरसैंण में हल्लाबोल करने की तैयारी है।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने फॉरेस्ट गार्ड की लिखित परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में एसआईटी जांच के निर्देश दे दिए हैं। वहीं पुलिस द्वारा मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन इस गिरोह के कई लोग पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
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परीक्षा में धांधली होना जख्म पर नमक छिड़कना जैसा
बता दें कि रविवार को हुई फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा में हुई धांधली के मामले से उत्तराखंड की राजनीति समेत लोगों में हड़कंप मच गया है। खास तौर पर युवाओं में रोष है क्योंकि वो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं ऐसे में परीक्षा में धांधली होना जख्म पर नमक छिड़कना जैसा है।किसी ने किराए के कमरे में रहकर तो किसी ने पार्ट टाइम जॉब कर इस पेपर की तैयारी की थी. किसी ने कोचिंग में पैसा और समय बर्बाद किया औऱ आखिर में मिला तो क्या…पेपर धांधली..
वैकेंसी आने का इंतजार करते हैं युवा, कोचिंग में पैसा समय करते हैं बर्बाद
युवा सरकारी नौकरी की वैकेंसी आने का कई सालों से इंतजार करते हैं औऱ कई महीनों पहले कोचिंग में पढ़ते हैं और तैयारी करते हैं। युवा पैसे और समय दोनों की परवाह किए बिना पढ़ाई करते हैं लेकिन आखिर में पेपर में धांधली, पेपर लीख होना, बेरोजगारों के जख्मों पर नमक छिड़कना जैसा है। वहीं फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा में धांधली के कारण युवा सड़कों पर उतर आए हैं और जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं रविवार को एनएसयूआई ने भी वन मंत्री हरक सिंह रावत के आवास के बाहर प्रदर्शन किया औऱ कई कार्यकर्ताओं के पुलिस ने गिरफ्तार किय़ा। वहीं 3 मार्च से बजट सत्र गैरसैंण में होने जा रहा है जिसके लिए एनएसयूआई रणनीति तैयार कर रहे हैं।
तनाव में परीक्षार्थी, पार्ट टाइम जॉब कर की थी तैयारी
पौड़ी गढ़वाल निवासी और परीक्षा देने वाले मुकेश का कहना है कि मैं पिछले चार-पांच साल से दून में किराये पर रह रहा हूं। पिता खेतीबाड़ी कर घर का खर्च चलाते हैं। पार्ट टाइम इलेक्ट्रिशियन का काम कर मैंने प्रतियोगी परीक्षा की। पढ़ाई को डेढ़ से दो लाख रुपये का कर्ज भी लिया था। मुझे फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा से बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन भर्ती पर संकट से तनाव में हूं।
युवा अजीत चौधरी का कहना- 4 हजार का कमरा लेकर रहते हैं
वहीं कोटद्वार निवासी अजीत चौधरी का कहना कि वह दून के डीएल रोड पर साढ़े चार हजार रुपये पर किराये का कमरा लेकर रहते हैं। पिता मजूदरी करते हैं। फारेस्ट गार्ड भर्ती के लिए पहले शारीरिक परीक्षा की तैयारी की थी। वह रोज 17 से 18 किमी तक दौड़ लगाते थे। फिर शारीरिक परीक्षा की जगह पहले लिखित परीक्षा हो गई। अब घपले के बाद से परीक्षा पर संकट मंडरा रहा है। जिससे उनका मन शारीरिक परीक्षा की तैयारी में नहीं लग रहा है।
आखिर बेरोजगार युवाओं के जख्मों पर मलहम लगाने का काम कैसे करती है?
वहीं देखने वाली बात ये होगी कि कौन-कौन इस गिरोह में शामिल हैं औऱ किस-किस जिले में ये जाल बिछाया गया था और किसने बेरोजगार युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया? देखने वाली बात ये भी होगी की आखिर बेरोजगार युवाओं के जख्मों पर मलहम लगाने का काम कैसे करती है?
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