हल्द्वानी में नगर निगम के मेयर व पार्षदों सहित दर्जा राज्य मंत्रियों द्वारा कोतवाल को हटाने के लिए दिए गए धरने पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश ने कड़ा पलटवार करते हुए कहा है कि सत्ता और सरकार आती जाती रहती है। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है की एक ओर प्रदेश में आपदा आई है दूसरी ओर सत्ता के मेयर, दर्जा मंत्री और पार्षद कोतवाल हटाने के लिए धरने पर बैठे हैं। इस तरह सत्ता का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि वह इस विषय में मुख्यमंत्री से बात करेंगे यह राजनैतिक मर्यादा के खिलाफ भी है। एक और पूरा प्रदेश और देश उत्तराखंड में आई इस आपदा को लेकर चिंतित है। वहीं दूसरी तरफ सत्तासीन पार्टी के जिम्मेदार दर्जा राज्यमंत्री और कार्यकर्ता एक अधिकारी को हटाने के लिए धरने पर बैठे रहे और वह भी गलत व्यक्ति को छुड़ाने के लिए ये सरासर गलत है।
आपको बता दें कि भाजपा पार्षद तन्मय रावत द्वारा रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और मारपीट की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। वहीं कोतवाली में प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं ने कहना था कि पुलिस ने जानबूझकर बदले की की भावना से यह कार्य किया है। जूनियर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला ने बताया कि पार्षद का आपस में विवाद हुआ था और वह कोई ऐसा मामला नहीं था कि पुलिस उसको कोर्ट के बाहर से उठाकर यहां गिरफ्तारी दिखाने के लिए लेकर आई। एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का पुलिस का व्यवहार बिल्कुल भी ठीक नहीं है। और जब तक कोतवाल का तबादला नहीं हो जाता तब तक वह अनिश्चितकालीन धरने पर कोतवाली पर ही बैठे रहेंगे धरने पर बैठे भाजपा मेयर जोगिंदर रौतेला ने कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा हो रही है पुलिस किसी भी मामले में भाजपा जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनती, लिहाजा ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जब तक कार्यवाही नहीं होगी तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे। वहीं देर रात कोतवाल को पुलिस लाइन अटैच किया गया था