हरीश रावत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा जरूर दे दिया है लेकिन उत्तराखंड में उनकी सक्रियता जारी है। पंचायत चुनावों के मद्देनजर हरीश रावत उत्तराखंड के अलग अलग इलाकों में लोगों से जनसंपर्क में लगे हुए हैं। फिलहाल वो गैरसैंण में हैं और बारिश के मौसम में मडुवे की रोटी और लिंगोड़ा का आनंद ले रहें हैं। हरीश रावत ने अपनी फेसबुक वॉल पर इस बात की जानकारी भी दी है। हरीश रावत ने लिखा है कि, ‘मैं उत्तराखंडियों के सपनों की राजधानी #गैरसैंण में वहां के विश्राम गृह में बैठा हुआ हूं। अभी-अभी क्या मीठा #मडुवे का आटा है, उसकी रोटी खाई है और यहां के स्थानीय सब्जियों में एक लिंगोड़ा भी खाया है, बड़ा आनंद आ गया। इस समय गैरसैंण का सौंदर्य देखते बन रहा है, रिमझिम बारिश हो रही है, जगह-जगह बादल भी लगे हुए हैं हल्के-हल्के पहाड़ों में तो अत्यधिक सौंदर्यमयी स्वरूप में दिखाई दे रहा है गैरसैंण।’
दरअसल हरीश रावत इसी बहाने गैरसैंण के मसले को भी उठाना चाहते हैं। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के मसले पर त्रिवेंद्र सरकार फिलहाल कोई फैसला नहीं ले पाई है। हालांकि कांग्रेस ने भी अपने कार्यकाल में इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया लेकिन राजनीति के लिए दोनों ही पार्टियां विपक्ष में आने पर इस मसले को उठाती रहती हैं।