देहरादून- प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गई है…विधानसभा अध्यक्ष के बेटे की उपनल में नियुक्ति से सरकार समेत विधानसभा अध्यक्ष जैसे ऊंचे पद की भी अब किरकिरी होने लगी है.
ऐसे में उन युवाओं का गुस्सा जरुर सातवे आसमान पर चढ़ गया होगा जिन्होंने रोजगार के लिए पुलिस की लाठियां और डंडे खाए. एक ओर सरकार के खिलाफ हजारों की तादात में बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। डिग्रियां होने के बावजूद युवाओं के पास ढंग की नौकरी नहीं है औऱ दूसरी और ऊंचे पद पर बैठे बेटे की नौकरी लगना वो भी उपनल में अपने आपमें बड़ा सवाल खड़े कर रहा है.
नियुक्ति कैसे मिली ये सवाल उपनल से जाकर पूछो
वहीं इस मामले पर प्रेमचंद्र अग्रवाल का भी बयान सामने आया है। दरअसल प्रेमचंद अग्रवाल श्रीनगर गढ़वाल विवि के एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. जहां पत्रकारों ने उनसे जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरा बेटा भी बेरोजगार था और उसने फॉर्म भरा जिसके बाद उसे नियुक्ति मिली है। अब वो क्यों और कैसे मिली ये सवाल उपनल से जाकर पूछिए। विपक्ष के विरोध पर बोलते हुए विस अध्यक्ष ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष हूं इसलिए इस बात की लोगों को तकलीफ हो रही है। ़
सिर्फ सैनिक परिवार को ही मिल सकती है नियुक्ति
आपको बता दें विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल की उपनल के माध्यम से सहायक अभियंता पद पर नियुक्ति हुई जबकि उपनल में नियुक्ति सिर्फ सैनिक परिवार को ही मिल सकती है।