देहरादून। सरकार शीतकालीन सत्र कराने को लेकर असमंजस की स्थिति में है। कभी गैरसैंण तो कभी देहरादून…सरकार ने पहले शीतकालीन सत्र उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होने की घोषणा की और फिर अपने फैसले को पलटने हुए देहरादून में सत्र कराने की घोषणा की। शीतकालीन सत्र 9 और 10 को देहरादून में होगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने बयान भी दिया था और कहा था कि नेता प्रतिपक्ष की सहमति के बाद ही सत्र को देहरादून में कराने का फैसला लिया गया है लेकिन अब जो नेता प्रतिपक्ष का बयान सामने आया है उससे सवाल उठ रहा है कि क्या विधानसभा अध्यक्ष ने झूठ कहा था? क्या सरकार का खुद का मन नहीं है ठंड में जाने का और सत्र कराने का।
दरअसल आज गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विधानसभा के सत्र को लेकर सरकार असमंजस में थी। सरकार कभी गैरसैंण और कभी देहरादून में अटकी हुई थी..प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार सत्र कराने को लेकर असमंजस में है और सरकार ने भ्रम की स्थिति बना दी है।
प्रीतम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष के बयान को झूठा साबित करते हुए बड़ा बयान दिया औऱ कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में ग्रीष्म काल में सदन नहीं चला। प्रीतम सिंह ने कहा कि आखिर चकराता में रहने वाला व्यक्ति भला गैरसैंण में सत्र से क्यों इनकार करेगा। इससे साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष ने शायद अपना पल्ला झाड़ने के लिए झूठा बयान दिया। प्रीतम सिंह के बयान से तो ऐसा ही लग रहा है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस के हाथ से कोई मुद्दा नहीं छीना गया। स्थायी राजधानी को लेकर सरकार स्थिति साफ करे।