शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशभर के 47 शिक्षकों को सम्मानित किया जिसमे उत्तराखंड के दो शिक्षक भी शामिल हैं। पहलीं देहरादून के कॉलसी स्थित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शिक्षिका सुधा पैन्यूली और दूसरे बागेश्वर के राजकीय हाईस्कूल पुड़कुनी के प्रधानाचार्य डॉ. केवलानंद कांडपाल। आपको बता दें कि दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। दोनों जिलों के जिलाधिकारियों ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। राष्ट्रपति इस दौरान वीडियो कॉन्फेंसिंग में मौजूद रहे और उत्तराखंड के दोनों शिक्षकों को बधाई दी।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शिक्षिका सम्मानित
आपको बता दें कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शिक्षिका सुधा पैन्युली को आज महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से नवाजा गया। कोरोना महामारी को देखते हुए वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए सभी शिक्षकों को राष्ट्रपति महोदय द्वारा समानित किया गया। सुधा पैन्यूली को एकलव्य के इतिहास में, पहली बार, राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। देहरादून कचहरी स्थित एनआईसी भवन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
बागेश्वर राजकीय हाईस्कूल पुड़कुनी के प्रधानाचार्य डॉ. केवलानंद कांडपाल सम्मानित
वहीं बागेश्वर राजकीय हाईस्कूल पुड़कुनी के प्रधानाचार्य डॉ. केवलानंद कांडपाल का राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हुए. उनको यह पुरस्कार बालिका शिक्षा में विशेष योगदान और शिक्षा के विकास में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए दिया जा रहा है. वर्ष 2012 में डॉ. कांडपाल को शैलेश मटियानी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
बता दें कि उत्तराखंड में जन जातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सुधा पैन्युली की यह उपलब्धि, सरकार के प्रयासों का एक प्रमाण है। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता लाने के लिए उनकी यह उपलब्धि, समस्त ईएमआरएस शिक्षकों को प्रेरित करेगी। वह स्कूल अंग्रेजी की शिक्षिका हैं और ज्यादतर सेवा प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में उन्होंने दी है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत अपनी स्थापना के बाद से, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के लिए विशेष गौरव की बात है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालस्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) प्रदान को करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल का गठन किया था। सुधा पैन्यूली को कठोर तीन चरणीय ऑनलाइन पारदर्शी प्रक्रिया के बाद 47 उत्कृष्ट शिक्षकों सूची में शामिल किया गया।
सुधा पैन्यूली ने अपने एकलव्य विधालय में जन्म-दिवस बगिया (बर्थडे गार्डन), शिक्षा में ना्टय मंच, एकलव्य जनजातीय संग्रहालय (ट्राइबल म्यूजियम), कौशल विकास कार्यशालाएं सहित कई तरह की पहलें की। आदिवासी छात्रों के शैक्षणिक विकास और सर्वांगीण विकास के बीच एक अच्छा संतुलन बनाते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रयासों को सही दिशा में ले जाना, उनकी बड़ी उपलब्धि रही है। सुधा पैन्यूली के कार्यों की सराहना करते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कहा है कि यह ईएमआरएस के लिए एक विशेष उपलब्धि है। वहीं जिलाधिकारी ने कैम्प कार्यालय में शिक्षिका सुधा पैन्यूली को सम्म्मनित किया और कहा की देहरादून के लिए गर्व का विषय है, जो की आज महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से नवाजा गया। कोरोना महामारी को देखते हुए वीडियो कॉन्फेंसिग के जरिए सभी शिक्षकों को राष्ट्रपति महोदय ने सम्मानित किया गया। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने की अपनी यह यात्रा इसी प्रकार जारी रखते हैं, तो आने वाले समय में ऐसी कई और उपलब्धियां, इस शैक्षिक अभियान को सार्थक बनाएंगी।