देहरादून : कुछ पार्षदों द्वारा एक डमी ठेकेदार के जरिए टेंडर हासिल करना और नगर निगम से 30 ट्रैक्टर ट्रॉली का अनुबंध करने के बाद वार्डों में सिर्फ 30 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाने में हुए घपले में अपर नगर आयुक्त द्वार जांच कमेटी ने मामले में क्लीन चिट दे दी है। नगर आयुक्त ने रिपोर्ट को मीडिया के सामने शनिवार शाम को सार्वजनिक कर दिया है लेकिन पार्षद ने यह क्लीन चिट को गलत ठहराया है और आरोप लगाते हुए कहा है की नगर निगम के अधिकारी मेयर और आम जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। साथ ही नगर निगम के राजस्व को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। हालाँकि पार्षद द्वारा मामले में जाँच के लिए कहने पर नगर आयुक्त द्वारा 24 घंटे का समय दिया गया है।
अधिकारियों पर नगर निगम को चूना लगाने का आरोप
बता दें कि 21 सितंबर को हुई कार्यकारिणी की बैठक के दौरान साला वाला वार्ड के पार्षद भूपेंद्र ने आरोप लगाते हुए रिकॉर्ड पेश करते हुए बताया था कि 16 अगस्त से नए ठेकेदार ने जब कार्य शुरू किया तो 45 ट्रैक्टर ट्रॉली का अनुबंध हुआ था।जबकि पहले दिन केवल 15 और उसके अगले दिन 18 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए। इसके बाद 21 अगस्त को 19 और 26 अगस्त को 27 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए। तब से यह ट्रैक्टर ट्रॉली 28 से 29 ही चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा ट्रैक्टर ट्रॉली के चार फेरों के बजाय दो ही फेरेेे लगाए जा जबकि भुगतान चार फेरों का किया जा रहा था।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने पार्षद के आरोपों को बताया सही
नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने भी पार्षद के आरोपों को सही बताते हुए कहा था कि टेंडर की शर्तों के हिसाब से ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं चल रहे हैं और ट्रॉली भी मानक के अनुरूप नहीं है जिसके बाद इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए थे। साथ ही ट्रैक्टर ट्रॉली का टेंडर उठाने के लिए कुछ पार्षदों ने पहले गठजोड़ किया और उसके बाद डमी ठेकेदार के जरिए कम धनराशि भरकर टेंडर हासिल कर लिया था। जिसके बाद नगर निगम कार्यकारिणी ने जांच के आदेश दिए थे।
गलत तथ्य पर क्लीन चिट दी गई है-पार्षद
सालावाला पार्षद भूपेंद्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉली मामले में जो क्लीन चिट दी गई है, वह गुमराह करने का काम किया जा रहा है और गलत तथ्य पर क्लीन चिट दी गई है। टेंडर से हुए 30 गाड़ियों का फिटनेस और आरसी नंबर भी नहीं है तो कैसे गाड़ियों का टेंडर हो सकता है।साथ ही आरोप लगाया कि टेंडर से कूड़ा उठान में 2 करोड़ रुपए बचा लिए है बल्कि 8 करोड़ का नगर निगम का चूना लग रहा है,कही न कही घपला हो रहा है।यह सब अधिकारियों की मिली भगत से घपला हो रहा है।