बीके दिनों देहरादून के पटेलनगर स्थित इंद्रेश अस्पताल की गुंडगर्दी और मनमानी का मामला सामने आया था जिसमें मृतक नवजात बच्ची के परिवार वालों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही और मरीज को बेवकूफ बनाकर पैसे एंठने का आरोप लगाया था. हमने(खबर उत्तराखंड) 1 अक्टूबर को खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद देहरादून की जनता ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अस्पताल पर मनमानी का आरोप लगाया था और जमकर खबर में कमेंट किए थे.
खबर उत्तराखंड ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर
आपको बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब इंद्रेश अस्पताल से ऐसा मामला सामने आया है बल्कि इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमे अस्पताल पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. इंद्रेश अस्पताल की मनमानी और डॉक्टर के कारनामे को एक फेसबुक यूजर ने फेसबुक पर शेयर किया था जो की मृतक बच्ची के पिता है. उनकी पत्नी अस्पताल में एडमिट हैं. वहीं अब बच्ची के लिए एक पिता ने इंसाफ की गुहार लगाई और परिवार समेत अस्पताल में धरने पर बैठे लेकिन कोई सुध लेने नहीं पहुंचा. मामला बड़ा है लेकिन अभी तक किसी के कानों में ये खबर नहीं गई. खबर उत्तराखंड ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया. हमारी अपील है कि सीएम इस मामले में गंभीरता दिखाएं और एक पिता को इंसाफ दिलाएं.
फिर की फेसबुक पोस्ट औऱ वीडियो शेयर
फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए बच्ची के पिता ने मदद मांगी. मामला बच्चे की मौत और माता-पिता को गुमराह करने का है. जहां माता-पिता को गुमराह कर पैसे एंठने की करतूत अस्पताल के डॉक्टर ने की. फेसबुक पर मृतक बच्ची के पिता ने भी इंसाफ की गुहार लगाई थी साथ ही उनके साथ उनके दोस्त भी दोस्त को इंसाफ दिलाने की कोशिश में है. जिसके बाद आज एक बार फिर मृतक के पिता ने एक पोस्ट शेयर की है जिसमें एक वीडियो भी शेयर किया गया है जिसमें अस्पताल के स्टाफ पर परिवार वालों से मारपीट करने का आरोप लगाया गया है.
18 अक्टूबर को लिखी ये पोस्ट, वीडियो की शेयर
आज मुझे इंसाफ के बदले इंद्रेश हॉस्पिटल में अपने परिवार के साथ जो वहां के स्टाफ ने मार पिटाई की है मैं इस घटना को पुलिस प्रशासन की चूक मानता हूं क्योंकि उन लोगों ने मेरी बहनों पर और मेरे भाइयों पर जो लाठी डंडे बरसाए. यह मेरी बेटी को इंसाफ मिला है और आप लोगों से मैं कितने दिनों से रिक्वेस्ट कर रहा था कि आप मेरा साथ दें. मेरे साथ गलत हुआ है लेकिन किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया. यहां जो आए दिन घटना होती है इस घटना को रोकने के लिए मैंने पूरी कोशिश करिए. हॉस्पिटल से लिखित में भी ले लिया है. जांच के लिए उन्होंने 15 दिन का टाइम मांगा हैय मैं बहुत लाचार हूं मेरी बेटी तो अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन जो इस दुनिया में बेटियां हैं वह अगर अपना इलाज इंद्रेश हॉस्पिटल में करेंगे कम से कम उनके लिए तो आगे की लड़ाई कर सकूं. साथियों मैं आज मन से बहुत दुखी हूं क्योंकि सच्चाई को आज मैंने तपते हुए देखा है पुलिस प्रशासन के सामने मेरे साथ जो यातनाएं हुई वह आप इस वीडियो में देख सकते हैं.
दून इंद्रेश अस्पताल का बड़ा कारनामा, बिल बढ़ाना जरुरी किसी की जिंदगी बचाना नहीं?