उधम सिंह नगर (मोहम्मद यासीन) कोरोनावायरस का कहर अब अन्नदाताओं पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है जिसका खामयाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है। तैयार रवि की फसल को काटने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं मजदूर उपलब्ध ना होने के कारण किसानों की गेहूं की खड़ी फसल कटने का इंतजार कर रही है। हालांकि उधम सिंह नगर उत्तराखण्ड में कृषि प्रधान जिला है जिसको लेकर जिला प्रशासन के जारी किए आदेश किसानों के लिये नाकाफ़ी हैं।
बता दें कि आसपास के क्षेत्रों के साथ उत्तर प्रदेश कि कई विधानसभा से अनाज आता है। जिसका कारण है कि जनपद के कई लोगों की सैकड़ों एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सीमा में है यही कारण है कि किसान उत्तर प्रदेश की पैदावार को मंडी समिति में लाकर बेचते हैं। लेकिन लॉक डाउन के चलते बॉर्डर सीमा पूरी तरहं सील की गई है यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के किसानों के अनाज को मंडी समिति में आने नहीं दिया जा रहा है। वही मजदूर ना उपलब्ध होने के कारण किसानों की फसल खेत में पक कर तैयार खड़ी है जिसे काटने के लिए मजदूर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
आढ़त व्यापारियों ने बताया कि मजदूर न उपलब्ध होने के कारण किसानों और व्यापारियों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिस पर स्थानीय प्रशासन को कोई कदम उठाना चाहिए।
बताया कि आनाज की खरीद के लिए एसडीएम से वार्ता की जा चुकी है जिससे उत्तर प्रदेश से आने वाले अनाज को बॉर्डर पर नहीं रोक जायेगा। जिसके लिए एसडीएम द्वारा एएसपी को आदेश जारी किये जा रहे है।
जिला मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जिले के किसानों के लिये उचित व्यवस्था की है जिसमे उन्हें किसी पास की जरूरत नही है। समाजिक दूरी का पालन करते हुए कंबाइन के साथ तीन लोगों को जाना, गेहूं बिक्री ओर खरीदारी के विशेष इंतेज़ाम किये गए हैं। वहीं थ्रेसर की भी अनुमति है किसान अपना गेहूं सीड्स प्लांड पर भी दे सकते हैं जिसमे उन्हें मुहं पर मास्क सहित अन्य सावधानी बरतनी होंगी।
इनकी मानें तब जिले में कई ऐसे छोटे किसान हैं जो कि पॉपुलर के खेती में गेहूं लगाते हैं जो कि कम्बाइन से नही कट सकती, जिसमे सरकार के द्वारा जारी आदेश में मात्र तीन मजदुरो का जिक्र किया गया है जिसमे 8 से 10 मजदूर होने चाहिए। यदि ऐसा नही हुआ तब किसानों की फसल खेतो में ही सकती है और साथ मे व्यापारियों को भी सख्त नज़र रखें त की वह किसी किसान से धोखाधड़ी न कर सकें।